तुम
मैं हूं मनन,जैसा नाम, वैसा काम, मैं एक लेखक हूं
मैं लिखता तो कहानियां कविताएं शायरी
वगैरह मगर ऑफिशियली e-ghost नाम के डिजिटल मैगजीन से जुड़ा हुआ हूं, एडिटर तरुण मेरी बहुत इज्ज़त करता है, उसके मुताबिक मैं एक बहुत ही सुलझा हुआ और रचनात्मक व्यक्ति हूं, मेरे लिखे हुए की लोग भूरि भूरि प्रशंसा करते है।
जिस दिन मेरे कहानियां छपती है मानो तहलका मच जाता है, मैं कृतज्ञता से मुस्कुरा देता हूं, नहीं मैं उससे कभी नहीं मिला हूं
यह सारी बातचीत बस टैक्स्ट में होती है, मुझे आज जो कुछ मिला है सब इस साइट में अपनी कहानियां छपवाने के बदौलत, मेरी खस्ताहालत किराए के मकान का बढ़ता किराया, फटी जेबें फटी चप्पल सब एक अन-छपे उत्कृष्ट लेखक की पहचान मेरी भी पहचान थी, आज मैं e-ghost के एडिटर को ईमेल कर रहा हूं यह...