मां का जीवन में योगदान अनगिनत है।
माँ ने जीवन में सदा ही समर्पण किया।
अपने लिए कुछ न मांगा सब है अर्पण किया।।
संतान की जिद्द को वो इस कदर मानती।
जैसे जवाहरात हो उसके लिए कीमती।।
उसने प्रारंभ से अब तक न कोई इच्छा रखी।
तब भी उसकी संतानों ने न उसकी दी हुई शिक्षा रखी।।
जो माँ संतान को दूसरों के प्रति विनम्रता का ज्ञान देती रही ।
आज...
अपने लिए कुछ न मांगा सब है अर्पण किया।।
संतान की जिद्द को वो इस कदर मानती।
जैसे जवाहरात हो उसके लिए कीमती।।
उसने प्रारंभ से अब तक न कोई इच्छा रखी।
तब भी उसकी संतानों ने न उसकी दी हुई शिक्षा रखी।।
जो माँ संतान को दूसरों के प्रति विनम्रता का ज्ञान देती रही ।
आज...