मेरा स्वच्छ भारत
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी। कोई कह रहा था मोदी का स्वच्छता अभियान सुचारू रूप से चल रहा है, कोई कह रहा था कुछ भी नहीं यार सब कुछ वैसा का वैसा है, जहां देखो वहां कचरे के ढेर है ,तीसरा बोल उठा कचरा फैको नहीं रास्ते पर तो आएगा कैसे, तीसरे ने सोचने वाली बात कही, घर की तरह बाहर की भी सफाई रखें तो कचरा...
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी। कोई कह रहा था मोदी का स्वच्छता अभियान सुचारू रूप से चल रहा है, कोई कह रहा था कुछ भी नहीं यार सब कुछ वैसा का वैसा है, जहां देखो वहां कचरे के ढेर है ,तीसरा बोल उठा कचरा फैको नहीं रास्ते पर तो आएगा कैसे, तीसरे ने सोचने वाली बात कही, घर की तरह बाहर की भी सफाई रखें तो कचरा...