मन के भाव
सीता विज्ञान स्नातक की शिक्षा ले रही थी ,और इसीलिए वह अपने शहर को छोड़कर एक दूसरे शहर में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी।
पर सीता की एक अच्छी बात यह थी कि वह घर से बाहर की दुनिया में निकली थी ,परंतु उसके अंदर कोई खास बदलाव नहीं थे वह रोज की तरह अपने सारे काम करके पूजा करके तब वह कॉलेज जाया करती थी।
सीता बेबाक थी और मिलन सार फालतू की बातें में उलझती नहीं थी, इसलिए उसके मित्र थे क्लास के लोग उसके साथ सम भाव रखते थे।
वह अपने केमिस्ट्री सर के प्रति आकर्षित थी, सर के आने के पहले ही क्लास में पहुंच जाती थी।
और सर के सामने वाली सीट पर वह बैठा करती थी ,और सर जो...
पर सीता की एक अच्छी बात यह थी कि वह घर से बाहर की दुनिया में निकली थी ,परंतु उसके अंदर कोई खास बदलाव नहीं थे वह रोज की तरह अपने सारे काम करके पूजा करके तब वह कॉलेज जाया करती थी।
सीता बेबाक थी और मिलन सार फालतू की बातें में उलझती नहीं थी, इसलिए उसके मित्र थे क्लास के लोग उसके साथ सम भाव रखते थे।
वह अपने केमिस्ट्री सर के प्रति आकर्षित थी, सर के आने के पहले ही क्लास में पहुंच जाती थी।
और सर के सामने वाली सीट पर वह बैठा करती थी ,और सर जो...