ख़्याल ख़ुद का
सबके ख़्याल के साथ-साथ ख़ुद का ख़्याल भी ज़रुरी है, क्या कभी सोचा है तुमने कि तुम्हारी ऐसी भी क्या मजबूरी है। हाँ माना ज़िम्मेदारी के चलते इस मोह माया में उलझे तुम निकलना ही नहीं चाहते इन सबसे मतलब घर के कामकाज घर की देखभाल बच्चों के बच्चों की ज़िम्मेदारी जो तुमने ख़ुद जानबूझ कर संभाल रखी है। क्या तुम्हारा ख़ुद के लिए कोई फ़र्ज़ नहीं...