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अधूरी प्रेम कहानी

मेरी एक दोस्त के पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम रुचि था। बहुत ही सुन्दर और प्यारी होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी थी। अच्छे संस्कारों वाली और छोटे से गांव की थी। उसकी एक बहन और एक भाई भी थे। वो सबसे बड़ी थी ।
मैं जब अपने दोस्त के घर जाती तब मेरी अक्सर उससे मुलाकात हो जाती थी।
वह अक्सर अपने कालेज के एक लड़के की बात किया करती थी उसका नाम रत्नेश था। वह बहुत ही हैंडसम है लड़कियों से बहुत ही इज्जत से बात करता है। पढ़ाई में भी बहुत अच्छा है।सभी अध्यापक उसको मानते हैं कहा करती थी ।उसकी बात करते हुए अचानक वह दुखी हो गई। हमने पूछा क्यूं क्या हुआ ?कहा खो गई?उसने कहा कि यार वह हमसे एक साल सीनियर था उसने अपनी मम्मी के इलाज के लिए परीक्षा छोड़ दीं थीं। और उसकी मम्मी बचीं भी नहीं यह बात सोच कर मुझे बहुत दुख होता है। वह खुश होता है तो मैं खुशी महसूस करती हूं। मेरी दोस्त ने कहा लगता है तुम्हें उससे प्यार हो गया है।बोली पता नहीं शायद,,, तुम उसको बता दो अगर ऐसा कुछ हैं तो, मेरी दोस्त ने कहा।
लेकिन ये जरुरी तो नहीं है कि वह भी मुझे चाहता हो मना कर दिया तो। मेरी दोस्त ने कहा कि तुम कह कर तो देखो । उसने बोला ठीक है परीक्षा हो जाए फिर बात करने की कोशिश करुंगी। एक महीने बाद परीक्षा थी।हम सभी लोग अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गए।
छः महीने बाद मैं जब अपने दोस्त के घर उससे मिलने गयी तो मैं उससे भी मिलने गयी। बहुत खुश हुई और प्यार से बिठाया हाल चाल पूछा। मैंने कहा अब तुम बताओ क्या हाल है ।अपने दिल की बात रत्नेश को बताई ,क्या बोला उसने, मना तो नहीं कर पा‌या होगा ,तू हैं ही इतनी अच्छी। मैंने सवाल पे सवाल दाग दिया। ये भी नहीं देखा कि मेरे सवाल करने से उसके चेहरे का भाव ही बदल गया था। वह फफक-फफक कर रो पड़ी थी।
मैंने पूछा क्या हुआ? माफ़ कर दो तुम मैं अब नहीं पूछूंगी ,माफ़ कर दो चुप हो जाओ।
कुछ शांत होने पर उसने बताया कि जिस दिन रिज़ल्ट निकला था उस दिन वह बहुत खुश थी क्योंकि वो प्रथम श्रेणी में पास हुयी थी,और रत्नेश ने तो टाप किया था। वह सोच के घर से निकली थी कि आज वह उससे अपने दिल की बात कह देगी। कालेज पहुंचने पर उसको जो खबर मिली उससे उसका दिल धक से रह गया। उसके दोस्तों की भीड़ लगी हुई थी, कोई रो रहा था कोई शांत बैठा था उसने हिम्मत कर के पूछा कि क्या हुआ है तुम सब ऐसे क्यो बैठें हो।
उसके दोस्तों ने कहा कि रत्नेश बहुत खुश था टाप किया था, इसलिए वो अपने बाइक से मिठाई ले कर आ रहा था कि मन्दिर में चढ़ा कर घर पर सरप्राइज देगा कि रास्ते में एक बस को ओवरटेक करते हुए वह नीचे गिर गया और पीछे से उसके ऊपर वैन चढ़ गई उसी समय उसकी मौत हो गई। यह कह कर वो बहुत रोने लगी।
उसनेे कहा मेरी प्रेम कहानी अधूरी रह गई।
मै‌ उसे कभी भी नहीं भूल पाउंगी।
इस बात को हुए आज पंद्रह साल बीत गए हैं। मेरी दोस्त ने बताया कि उसकी शादी हो गई है और दो बच्चे भी हैं। एक लड़का और एक लड़की। लड़के का नाम रत्नेश रखा है।

ज्योति मोहन ््