गर्मी और गांव की चौपाल
बरगद पीपल और नीम की छैया में जब बैठते थे सब एक साथ ,
तो चल पड़ती थी हंसी मजाक सवाल जबाव का सैलाब।।
गांव की चौपाल में केवल विवादों की बैठकी ही नहीं बैठती बल्कि गांव की सुख सुविधा और उन्नति पे भी विचार विमर्श करने के लिए चौपाल सजाई जाती है। एक दूसरे की खोज ख़बर हंसी मजाक टाइम पास और सुख दुःख में भागीदारी के लिए भी चौपाल की बैठकी लगती हैं।लोग अपनी अपनी दिनचर्या का व्याख्यान एक दूसरे के साथ साझा कर अपना मन हल्का कर लेते हैं। बच्चे बूढे और जवान सभी उम्र के लोग चौपाल में उपस्थित हो
अपनी दिन भर की थकान भूला कर सुकुन महसूस करते हैं।वीणा ने जब अपनी बेटी तान्या से गर्मी और गांव की चौपाल के बारे में बात की तब वो ज़िद करने लगी चौपाल देखने की...! मगर फिर वीणा ने बताया अब तो ये किस्से...
तो चल पड़ती थी हंसी मजाक सवाल जबाव का सैलाब।।
गांव की चौपाल में केवल विवादों की बैठकी ही नहीं बैठती बल्कि गांव की सुख सुविधा और उन्नति पे भी विचार विमर्श करने के लिए चौपाल सजाई जाती है। एक दूसरे की खोज ख़बर हंसी मजाक टाइम पास और सुख दुःख में भागीदारी के लिए भी चौपाल की बैठकी लगती हैं।लोग अपनी अपनी दिनचर्या का व्याख्यान एक दूसरे के साथ साझा कर अपना मन हल्का कर लेते हैं। बच्चे बूढे और जवान सभी उम्र के लोग चौपाल में उपस्थित हो
अपनी दिन भर की थकान भूला कर सुकुन महसूस करते हैं।वीणा ने जब अपनी बेटी तान्या से गर्मी और गांव की चौपाल के बारे में बात की तब वो ज़िद करने लगी चौपाल देखने की...! मगर फिर वीणा ने बताया अब तो ये किस्से...