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डधड़कन।जब वो छूता था सबके दिलों को,
था एक आदमी दिलकश और अलख जैसा,
उसके होंठों पर शायरी जैसी छायी।
हर बात पे उसकी उठी एक मिसाल,
जब बोलता वो तो सब भावनाओं की धारी।

संगीत की छंद पर नाचती यह कहानी,
दोहों की मधुर धुन में लिखी जाती।
उस आदमी के जीवन की किताब है यह,
प्यार की गाथा, आदतों की राती।

कुछ दोहे हैं, सोच-विचार के संग,
जो बांधते सज गई चांदनी रात में,
मधुर शब्दों की बारिश हो।
गुलाबी रंगों से भरी,
प्रेम की भरमार हो।

तुम मेरी बाहों में लिपटो,
हो जाओ मेरे संग आधार।
ह्रदय की ताल में धड़कनें,
स्वर्ग के अंगन में प्यार।

चांदनी से भरी रातों में,
सपनों की माला बुनते हैं।
मन की गहराईयों में पलते,
श्रृंगार रस की प्रधानता हो।

तुम्हारी हंसी की झलक बिखरे,
ह्रदय को छू जाए मधुर स्वर।
आँखों की चमक से रोशन हो जाए,
प्रेम की कथा कहने यहां आए।

हर सांस में तुम्हारी मिठास हो,
चारों ओर महक उठे खुशबू सी।
दिल के रास्ते खो जाए यहां,
आत्मीयता की गहराई बनी।

तुम और मैं एक दूसरे में खो जाएं,
इस प्रेम की मधुर लहरों में।
दूरीयों के पार हम छलांग लगाएं,
श्रृंगार रस की प्रधानता में।प्रेम की आग में जलती एक कहानी,
जहां प्यार की मधुरता है निधानी।
मानवता का रंग लेकर आती है यहां,
चमत्कारिक शब्दों की बारिश बरसाती है यहां।

हृदय के धड़कनों में बसी एक लगानी,
स्वर्गसुंदर भावों की होली खेलती यहां।
प्रेम के पुल पर आकर मिलते हैं ज़माने,
मोहब्बत के संगीत सुनते हैं यहां।

प्यार की मिठास से जीने को लालसा है,
हर एक दिल की आसा है, ख्वाहिशा है।
प्रेम के आगे विपदाओं की हार है,
ममता और स्नेह की विजय का संकेत है।

सच्चे प्यार की माधुर्य अपार है,
रोमांचक बातों में बसा आधार है।
दिलों के राज़ और ख्वाहिशों की खोज है,
प्रेम की मधुर धुन में खोया है यहां।

प्रेम के रंग में रंग जाती है दुनिया,
बांधे हुए हृदय की प्रियतम राजधानी।
आओजगमगाती रात की गहराइयों में,
छिपे अन्धकार की घनी धुंध में,
एक आवाज़ उठी दरियादिल से,
बचपन के सपनों की गुहार की।

सोच-समझकर जगे हैं हम सब,
समाज के मुद्दों को लेकर चिंता-विचार में।
अन्याय और अंधविश्वास की जाल में,
चिढ़ती है आजादी की आह में।

भ्रष्टाचार की दासता छा गई है,
न्याय के बिना अधिकार हर गई है।
मानवता और सम्मान का नाश हुआ है,
सच्चाई और ईमान की बात खो गई है।

महिला शक्ति अब उदास बैठी है,
दरिद्रता और अज्ञान से घिरी है।
उठो, जागो और आगे बढ़ो,
समाज के रंग में रंग ले आप बच्चों को।

पर्यावरण की पुकार है यहां,
जीवन की रक्षा अब पहचान है।
हर एक कदम से बदल जाएगा जहां,
शुद्ध वायु और जल सुंदरता का ध्यान है।

हम सब एक, हम सब भाई-बहन हैं,
साथ मिलकर समाज सुधारेंगे।
कविता की कलम