...

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मम्मा मै सीड को फिर भी चाहूंगी
मै आज खुश हू,बोहोत बोहोत जादा। क्यू? सिड से मिलने वाली हूं ना,बस उस खयाल से ही दिल खुश हो जाता है।

तैयार होके क्लिनिक के लिए निकल ही रही थी कि मम्मी ने पिछे से आवाज़ दी,उन्हें मुझसे कुछ बात करनी थी शायद।क्लिनिक के लिए देरी हो रही थी तो आने के बाद बात करूंगी कह कर में घर से निकल गई।दिन भर क्लिनिक में भी काफी पेशंट्स रहे,जैसे तैसे दिन ख़तम हुआ।
थकी हारी मै अपनी बैग लेके क्लिनिक से बाहर आई सामने देखती हू तो सीड खड़े थे,सारी थकान मिट गई मेरी,कभी कभी तो समझ नहीं आता क्या ऐसी बात है उनमें जो उन्हें देखते ही सब बस बोहोत बोहोत ठीक हो जाता है।
उनके साथ आज डिनर का प्लान था,अचानक मम्मी का फोन आया, कहा,जल्दी घर आओ कुछ बात करनी है। मम्मी काफी सीरियस लग रही थी ,मुझे जल्द ही घर जाना पड़ा।

घर पोहोचती हूं तो क्या देखा, मम्मी इंतजार ही कर रही...