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ट्यूशन एक प्रेम कथा
ये कहानी शुरु होती है एक छोटे से कोचिंग इंस्टीट्यूट से। ये कहानी भी एक आम कहानी की तरह ही है लेकिन इसमें बीच में थोड़ा सा बाकी कहानियों से भिन्न है जो इस कहानी की जान है। एक गाँव में एक छोटा सा कोचिंग सेन्टर था जिसमें लगभग दस-पन्द्रह बच्चे पढ़ते थे। कोचिंग में पढ़ाने वाले अध्यापक की उम्र भी कुछ ज्यादा नहीं थी। ये कोचिंग बहुत दिनों से यहाँ चलती थी लेकिन हुआ कुछ यूँ कि इस कोचिंग में कुछ दिन पहले लगभग दो महीने पहले एक नयी लड़की पढ़ने के लिए आयी सामान्य कद काठी ,सामान्य रंग और बेहद मासूम सा चेहरा। लड़की ज्यादा सुन्दर नहीं थी लेकिन उसका मासूम चेहरा लोगों को काफी आकर्षित करता था। लड़की पढ़ने में काफी अच्छी थी। कोचिंग के अध्यापक अभी खुद भी तैयारी थे और पढ़ाते भी थे। अध्यापक को उस नयी लड़की के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता जो उनकी कोचिंग में मात्र दो महीने से ही आयी थी। फिर अध्यापक पढ़ाई के बहाने लड़की को फोन करने लगे और कोचिंग में भी बात-बात पर उसकी तारीफ करते थे। कुछ दिन तक ये सिलसिला चलता रहा फिर कुछ दिन बाद उनकी शादी हो गयी लेकिन शादी के बाद की चुनौती बड़ी विचित्र थी। लड़की के जो अध्यापक थे वो एक अपने ही छात्र के साथ रूम शेयर करते थे, और वो शादी के बाद भी उसी रूम में रहना चाहते थे। लेकिन लड़की के घरवालों और लड़के के घरवालों को ये पसंद नहीं था कि एक रूम में तीन लोग एक साथ रहें क्योंकि शादी के बाद की जिंदगी दूसरा जन्म होता है इंसान का उसमें कोई तीसरा साथ रहे तो ये ठीक नहीं और सामाजिक तौर पर भी ये गलत है। शादी के बाद तीन लोग साथ में एक ही रूम में रहें पती-पत्नी और तीसरा कोई भी लड़का या लड़की तो वो सामाजिक बुराई है।