खीप और खीपोली की सब्जी
खीप और खीपोली की सब्जी
खीप - बिना खीप किसड़ो झूंप
खीप एक रेगिस्तान में पाया जाने वाला 3- 4 फीट ऊंचा पौधा होता है। आज से 40- 50 साल पहले
तक रेगिस्तान के ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में खीप से छाया हुआ झोंपड़ा अवश्य होता था।
इस पौधे में मिट्टी को बांधने की क्षमता होती है। रेगिस्तान के ऊंचे से ऊंचे टीले पर खीप जरूर उगी होती थी। खीप से ही रस्सी (जिसे गुंछला कहते थे) बनाकर झोंपड़ों की छावनी की जाती थी।
हरी खीप को ऊंट बड़ी चाव से खाता है इसलिए जब खेती का काम नहीं होता था तो ऊंटों को पैरों में बेड़ी लगाकर खीप चरने के लिए छोड़ देते थे और शाम को वापस ले आते थे।वक्त के साथ जैसे झोंपड़े गायब हुए वैसे ही खीप भी गायब होती जा रही है। हमारे खेत में हजारों खीप के पौधे हुआ करते थे लेकिन परसों देखा तो सिर्फ खेत की मेड़ पर ही 4-5 पौधे बचे हैं , वह भी मुरझाए हुए से क्योंकि ट्रैक्टर की जुताई से खीप जड़ सहित निकल जाती है और खत्म होती जा रही है।
मार्च के महीने में खीप के पौधे में फलियां लगती हैं जिन्हे खीपोली कहते हैं। खीपोली की सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट और वात रोगों व घुटनों में दर्द में लाभकारी होती है।
परसों बहुत प्रयत्न करने पर उन चार पांच पौधों से कोई सौ ग्राम खीपोली मैं प्राप्त कर सका। जिस की सब्जी आज मैंने बनाई जिसकी तस्वीर नीचे पेश है ताकि हमारी युवा पीढ़ी इसको देख सके और इसके गुणों को जान सके क्योंकि अब यह पौधा पतन के कगार पर है, और थोड़े दिनों में यह बीती बात हो जाएगी।
खीपोली की सब्जी
सामग्री ( एक आदमी के लिए)
1-खीपोली 100 ग्राम दोनों साइड किनारे तोड़कर साफ की हुई और कटी हुई
2- हरी मिर्च एक कटी हुई
3- मध्यम साइज का एक कटा हुआ
4-लहसुन 4-5 फ्लेक्स पिसी हुई
5- लाल मिर्च एक छोटा चम्मच पिसी हुई
6- धनिया पाउडर एक छोटा चम्मच
7- हल्दी पाउडर आधा छोटा चम्मच
8- हींग चौथाई छोटा चम्मच
9-जीरा आधा छोटा चम्मच
10- नमक स्वाद अनुसार
11- खाद्य तेल 1 बड़ा चम्मच
12- दही 2 छोटे चम्मच
विधि
सबसे पहले दो कप पानी में खीपोली को 10 मिनट तक उबालें और फिर ठंडा करके जिस पानी में उबाला उस पानी को फेंक दें क्योंकि इसका स्वाद कसैला होता है।
अब कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच खाने का तेल लेकर इसको मध्यम आंच पर गर्म करें और इसमें गर्म होने पर जीरा व हींग डालें ।फिर उबली हुई खीपोली और हरी मिर्च डालें। अब इसमें चम्मच चलाते हुए लाल मिर्च, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, लहसुन पेस्ट और नमक डालें और मसालों को अच्छी तरह पकाएं ।मसालों के अच्छी तरह पकने के बाद इसमें खटाई देने के लिए 2 छोटे चम्मच दही डालें और मिलायें और 2 मिनट के लिए ढक्कन बंद करके पकने दें ।अब यह खुशबूदार सब्जी तैयार है ,जिसको बाजरे की रोटी, गेहूं की रोटी या पूरी के साथ खाया जा सकता है।
© Mohan sardarshahari
खीप - बिना खीप किसड़ो झूंप
खीप एक रेगिस्तान में पाया जाने वाला 3- 4 फीट ऊंचा पौधा होता है। आज से 40- 50 साल पहले
तक रेगिस्तान के ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में खीप से छाया हुआ झोंपड़ा अवश्य होता था।
इस पौधे में मिट्टी को बांधने की क्षमता होती है। रेगिस्तान के ऊंचे से ऊंचे टीले पर खीप जरूर उगी होती थी। खीप से ही रस्सी (जिसे गुंछला कहते थे) बनाकर झोंपड़ों की छावनी की जाती थी।
हरी खीप को ऊंट बड़ी चाव से खाता है इसलिए जब खेती का काम नहीं होता था तो ऊंटों को पैरों में बेड़ी लगाकर खीप चरने के लिए छोड़ देते थे और शाम को वापस ले आते थे।वक्त के साथ जैसे झोंपड़े गायब हुए वैसे ही खीप भी गायब होती जा रही है। हमारे खेत में हजारों खीप के पौधे हुआ करते थे लेकिन परसों देखा तो सिर्फ खेत की मेड़ पर ही 4-5 पौधे बचे हैं , वह भी मुरझाए हुए से क्योंकि ट्रैक्टर की जुताई से खीप जड़ सहित निकल जाती है और खत्म होती जा रही है।
मार्च के महीने में खीप के पौधे में फलियां लगती हैं जिन्हे खीपोली कहते हैं। खीपोली की सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट और वात रोगों व घुटनों में दर्द में लाभकारी होती है।
परसों बहुत प्रयत्न करने पर उन चार पांच पौधों से कोई सौ ग्राम खीपोली मैं प्राप्त कर सका। जिस की सब्जी आज मैंने बनाई जिसकी तस्वीर नीचे पेश है ताकि हमारी युवा पीढ़ी इसको देख सके और इसके गुणों को जान सके क्योंकि अब यह पौधा पतन के कगार पर है, और थोड़े दिनों में यह बीती बात हो जाएगी।
खीपोली की सब्जी
सामग्री ( एक आदमी के लिए)
1-खीपोली 100 ग्राम दोनों साइड किनारे तोड़कर साफ की हुई और कटी हुई
2- हरी मिर्च एक कटी हुई
3- मध्यम साइज का एक कटा हुआ
4-लहसुन 4-5 फ्लेक्स पिसी हुई
5- लाल मिर्च एक छोटा चम्मच पिसी हुई
6- धनिया पाउडर एक छोटा चम्मच
7- हल्दी पाउडर आधा छोटा चम्मच
8- हींग चौथाई छोटा चम्मच
9-जीरा आधा छोटा चम्मच
10- नमक स्वाद अनुसार
11- खाद्य तेल 1 बड़ा चम्मच
12- दही 2 छोटे चम्मच
विधि
सबसे पहले दो कप पानी में खीपोली को 10 मिनट तक उबालें और फिर ठंडा करके जिस पानी में उबाला उस पानी को फेंक दें क्योंकि इसका स्वाद कसैला होता है।
अब कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच खाने का तेल लेकर इसको मध्यम आंच पर गर्म करें और इसमें गर्म होने पर जीरा व हींग डालें ।फिर उबली हुई खीपोली और हरी मिर्च डालें। अब इसमें चम्मच चलाते हुए लाल मिर्च, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, लहसुन पेस्ट और नमक डालें और मसालों को अच्छी तरह पकाएं ।मसालों के अच्छी तरह पकने के बाद इसमें खटाई देने के लिए 2 छोटे चम्मच दही डालें और मिलायें और 2 मिनट के लिए ढक्कन बंद करके पकने दें ।अब यह खुशबूदार सब्जी तैयार है ,जिसको बाजरे की रोटी, गेहूं की रोटी या पूरी के साथ खाया जा सकता है।
© Mohan sardarshahari