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इश्क़ एक गुनाह है
Part 2.
कशिश की परवरिश साहिल की अम्मी ने अपनी बेटी जैसी ही की कशिश भी अपनी खाला को बहुत मोहब्बत करती साहिल के घर में उसके चाचा और चाची जिनकी दो खूबसूरत बेटियां थीं जिनमें से एक डाक्टरी की पढ़ाई कर रही थी और दूसरी अभी इंटर में आई थी दोनों बेहद खूबसूरत पर कशिश की ख़ूबसूरती के आगे फीकी लगती कशिश पढ़ाई में बचपन से बहुत अच्छी थी हर क्लास में टॉप करती वो साहिल से उम्र में बड़ी थी अम्मी अब्बू के एक कार एक्सीडेंट में गुज़र जाने के बाद वो‌ काफ़ी लम्बे अरसे तक बीमार रही जिस वजह से वो और साहिल एक ही क्लास में थे साहिल हमेशा उससे कम्पटीशन करता और हार जाता हर बार बाज़ी कशिश मार लेती। कशिश से साहिल बदला लेने की फ़िराक में लगा रहता और अलग अलग तरीके सोचता। इस बार उसने कशिश को सबक सिखाने के लिए ये मोहब्बत का खेल खेला। कशिश बहुत खूबसूरत और संजीदा लड़की है वो साहिल की बातों को नज़र अंदाज़ करके अपना काम करने लगी तब फिर साहिल ने उससे अपनी बेपनाह मोहब्बत का इज़हार नर्म लहज़े में किया।
इस बार कशिश थोड़ी घबराई और साहिल की बातें सुनकर हैरानी से उसे देखने लगी साहिल उसकी हैरानी भरी नज़रें देखकर अंदर ही अंदर खुश हो रहा था अपनी हंसी को उसने बड़ी मुश्किल से काबू किया था।
और अपनी इस अदाकारी के लिए खुद को शाबाशी दे रहा था।
साहिल के बच्चे तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ऐसी बेतुकी बातें करने की। मैं तुम्हें मार डालूंगी निकल जाओ मेरे कमरे से कहते हुए उसने बैड से तकिया साहिल की तरफ फेंकते हुए कहा।
साहिल तुम तो बिल्कुल जंगली बिल्ली हो। मैं यहां तुमसे अपनी मोहब्बत का इज़हार कर रहा हूॅं और तुम्हें मेरी बातें फ़िज़ूल लग रही हैं। साहिल अफसोस भरी निगाहों से कशिश को देखते हुए बोला।
साहिल मैं तुम्हें बता रही हूॅं तुम कमरे से बाहर चले जाओ वरना खाला से कह दूंगी सारा मोहब्बत का ख़ुमार उतर जाएगा। साहिल बेहद नर्मी से कशिश के कानों के पास आकर बोला अम्मी से तो मैं ख़ुद बात करने वाला हूॅं।
कशिश साहिल पर झुंझलाते हुए अगर तुमने ये फ़िज़ूल बातें बंद नहीं कि तो मुझसे बुरा कोई न होगा।
साहिल मज़ाकिया अंदाज़ में तुमसे बुरा तो अभी कोई मुझे मिला ही नहीं पर मैं अपने दिल के हाथों मजबूर हूॅं। जब दिल गधी पर आ गया है। साहिल उसे चिढ़ाते हुए बोला।
कशिश साहिल तुम मेरे हाथों से मारे जाओगे अगर मैं गधी हूॅं तो तुम गधे हो।
साहिल कितना अच्छा होगा कि एक गधी एक गधे के साथ रहे तो वो हमेशा की तरह हर बात को मज़ाक में उड़ा रहा था।
आई किल यूं साहिल चले जाओ वरना आज मेरे हाथों से गुनाह हो जाएगा। निकल जाओ मेरे कमरे से।
साहिल काश मैं भी तुम्हें इस तरह अपने दिल से निकाल देता पर क्या करुं मैं इस दिल का जो बस तुम्हारे लिए ही धड़क रहा है साहिल ने बड़ी संजीदगी से बोला तो कशिश सोच में पड़ गई।
प्लीज़ साहिल मेरे साथ इतना भद्दा मज़ाक मत करो अब ये बातें बंद करो और मुझे पढ़ने दो कशिश घबरा कर बोली।
साहिल मैं तुमसे बेपनाह मोहब्बत करता हूॅं वो अपनी निगाहें चुरा कर बोला जबकि दिल ही दिल में उसे इस बेतुके मज़ाक का मलाल हो रहा था लेकिन दूसरे ही पल कशिश को हराने उससे जीतने का ख़्याल हर मलाल पर हावी हो गया।
तुम बहुत फ़िज़ूल मज़ाक कर रहे हो प्लीज़ साहिल! ये ड्रामा बंद करो और निकालो मेरे कमरे से कशिश कमज़ोर आवाज़ में बोली तो साहिल को उसे परेशान होता देख बहुत मज़ा आ रहा था।
आई लव यू कशिश! आई रिएली लव यू। ये बात खुद साहिल को अजीब लग रही थी।
ख़ामोश हो जाओ साहिल मैं उम्र में तुमसे बड़ी हूॅं और खाला मेरी अम्मी जैसी हैं बचपन से उन्होंने मुझे कोई तकलीफ़ नहीं होने दी ये रिश्ता नामुमकिन है कशिश अपने आप को संभालते हुए तिलमिला कर बोली।
मैं ख़ुद अम्मी से तुम्हारे लिए बात करने वाला हूॅं कि वो तुम्हारे लिए कोई रिश्ता न ढ़ूंढ़े और तुम्हें मेरी दुल्हन बना कर अपने घर हमेशा के लिए रख लें। वह मोहब्बत भरे लहजे से बोला तो कशिश की धड़कनें तेज़ हो गई। कशिश से आज से पहले किसी लड़के ने अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं किया था कालेज में कई लड़के उस पर मरते थे लेकिन कभी मोहब्बत का इज़हार करने की हिम्मत न जुटा पाए। कशिश के हाथ पैर कांपने लगे वो आम लड़कियों से बिल्कुल जुदा थी उसे हमेशा से अपनी किताबों और तन्हाई से लगाव था। वो बचपन से पढ़ने में साहिल से आगे रहती थी साहिल थोड़ा मज़ाकिया मिज़ाज का लड़का था जिसका दिल पढ़ाई में कम कशिश को परेशान करने में ज़्यादा लगता।
कशिश बेहद खूबसूरत और संजीदा लड़की थी वहीं साहिल हट्टा कट्टा नौजवान भारी आवाज़ गठीला बदन हल्की शेव उस पर खूब जचती। कशिश बहुत समझदार और सलाहियत वाली लड़की थी सब उसके गुन गाते पर वो साहिल की चाची को एक आंख न सुहाती चाची उसमें कमियां ही ढ़ूंढ़ती रहती और साहिल हमेशा उसे बचाता रहता। साहिल की एक छोटी बहन जिसका नाम सकीना था।
सकीना का ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त कशिश के साथ ही गुज़रता जैसे एक ही मां की बेटियां हों कशिश भी सकीना को अपनी छोटी बहन की तरह ही मोहब्बत करती थी

To be continue.....

क्या होगा जब कशिश को साहिल के इस खेल के बारे में पता चलेगा आगे जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
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© Hina