मैं अब आज़ाद हूं...
आज़ादी क्या होती है? मैंने अपनी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा किसी न किसी चीज़ की गुलामी में बिताया है, इसलिए मुझे इस शब्द का अर्थ आना चाहिए। जब मैं बच्चा था तभी से मैंने आज़ादी को जीवन में सबसे क़ीमती बनाने की लड़ाई लड़ी। मैंने अपने माता-पिता से लड़ाई की, जो चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूँ, लेखक नहीं। मैंने स्कूल में दूसरे लड़कों के साथ लड़ाई लड़ी, वे मुझे देखते ही क्रूर क़िस्म के चुटकुले सुनाने लगते थे, और जब पानी मेरे और उनके नाक से ऊपर बहने लगा, और अपनी माँ से कई दोपहर तक अपना दर्द छिपाता रहा - क्योंकि इस समस्या को सुलझाने का काम मेरा था ना कि उनका - तब जाकर मैं उनको यह बता पाया मैं बिना रोए उनकी मार सहता रहता था। अपने जीवन-यापन के लिए काम की तलाश में मैंने काफ़ी लड़ाई लड़ी, और मैंने एक हार्डवेयर स्टोर में डिलेवरी मैन के रूप में काम किया, ताकि मैं अपने आपको उस पुराने ढर्रे से आज़ाद कर सकूँ जो परिवार में आपको ब्लैकमेल करने के लिए कहा जाता रहा है : ‘हम तुम्हें धन देंगे, लेकिन तुमको यह करना होगा, वह करना होगा।’ जब मैं किशोर था तो मैंने उस लड़की के लिए लड़ाई लड़ी, जिसे मैं प्रेम...