आजादी मागता पुरुष
आजादी शब्द अपने आप में एक पहेली है
क्योंकि हर एक व्यक्ति अपने आप को स्वतंत्र रखना चाहता है
लेकिन एक बात यहां पर भी लागू होती है कि किसी को बंधन में रखकर स्वयं स्वतंत्र होने की कामना कोई कैसे कर सकता है
लेकिन ज्यादातर वाक्या हर शादीशुदा व्यक्ति की जिंदगी में रहता है वो स्वयं को हमेशा शादी के बाद हमेशा बधा हुआ महसूस करता है जब कभी कोई वाक्या होता है तो कुछ को छोड़कर ज्यादातर पुरुष यही कहते है कि शादी के पहले में ठीक था शादी के बाद तो जिंदगी बर्बाद हो गई है पहले सुखी से...
क्योंकि हर एक व्यक्ति अपने आप को स्वतंत्र रखना चाहता है
लेकिन एक बात यहां पर भी लागू होती है कि किसी को बंधन में रखकर स्वयं स्वतंत्र होने की कामना कोई कैसे कर सकता है
लेकिन ज्यादातर वाक्या हर शादीशुदा व्यक्ति की जिंदगी में रहता है वो स्वयं को हमेशा शादी के बाद हमेशा बधा हुआ महसूस करता है जब कभी कोई वाक्या होता है तो कुछ को छोड़कर ज्यादातर पुरुष यही कहते है कि शादी के पहले में ठीक था शादी के बाद तो जिंदगी बर्बाद हो गई है पहले सुखी से...