As 2024 turning in 2025 - Part 1: या तो हाँ या ना, "या तो सबकुछ या फ़िर कुछ भी नहीं"
बस कुछ ही दिन में ये वर्ष ख़तम हो जाएगा..
और इस वर्ष के आरंभ में मैंने लिखा था..
"This year is magical..."
( and आप जो लिखते हैं उसका आपके जीवन में बहुत प्रभाव रहता हैं particularly when you are projecting energy consciously Or unconsciously)
However...
This year was really difficult, physically mentally, emotionally ...
still I will consider it as a good year...
as अंत भला तो सब भला...
At least I got a conclusion and clarity in this regards...
I am very clear in my mind now which I have been seeking for a decade.
And it's nothing less than a Magic✨.
Now I know with what intention I should move forward in life.
These many years I have been just seeking for clarity
"Whether to stay..
or to move forward alone.. "
"Whether to create it with that someone..
or create it all alone in your silence in your solitude..."
That was the conffusion...
because एक बार गुज़र जानें के बाद मैं पीछे मुड़ के नहीं देखती..
मैं अपने किसी past से गुज़रने के बाद उन्हें याद करती नहीं रहती हूँ.. अनुभव चाहें कितना कटु व मिठा रहा हो
मीठे के लिए आभार
और कटु के लिए छमा का का दान कर आगे बढ़ जाती हूँ
ज्यों एक को commit किया, मेरा कोई past मेरे लिए exist करता नहीं...
ना मुझे पछतावा व अफ़सोस व किसी तरह का दुःख रहता हैं व किसी से शिकायत रहती हैं उनके किए का...
मेरे लिए मेरा वर्तमान ही पूर्ण महत्व का रहता हैं
और यहां तो पूर्ण जीवन के लिए समर्पित कर दिया था ख़ुद को... पूरी आत्मा से समर्पण किया था...
और वचन दिया था! जिसे पुरा पुरा मैंने निभा भी लिए..
कोई यह नहीं कह सकता के उसे मैंने ये वचन दिया था और निभाया नहीं
उसे दिए मेरे सारे वचन मैंने निभाए
और सबसे महत्वपूर्ण यह मेरा प्रेम था..
जिसे पूजा की तरह मैंने किया
और
इसलिए ही किसी की कुछ बातें
और अपने दिए वादे
कानों में गूंजते रहते...
किसी के लिए फ़िक्र सदा सताती रहती।
वो तो कह देते बड़े आराम से के
past के बारे में बात नहीं करना..
जबकी logic तो ये भी हैं
के past के बारे में यदि आपको बात नहीं करना
तो हम बात ही क्यों कर रहें हैं ?
हम मिले भी तो past में ही थे...?
यदि past शून्य हो गया आपके लिए तो हम भी तो शून्य नहीं हो गए... आपके लिए?
खैर मेरा सवाल महज़ उनसे इतना था..
दोस्त के तौर पे हो, या एक बच्चे के तौर पे,या प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी...
महज़ प्रश्न यह था के तुम आने वाले भविष्य को मेरे साथ बिताना चाहते हो ?
या chat की इसी fantasy world में जीना चाहते हो.. ?
मेरा प्रश्न यही था...।
और मेरा confussion भी यही के
वो मेरा साथ ये जीवन देखते हैं या नहीं!?
अपने future को मेरे साथ देखते हैं या नहीं!?
मैं किसी भी रूप में होऊँ उनकी ज़िंदगी में,
कोई भी होऊँ उनके लिए।
वो मुझे अपने साथ व मेरे साथ ख़ुदको भविष्य में देखते हैं? या नहीं... !?
या chat की दुनियाँ में ही अटके लटके रहना चाहते हैं!? और मुझे भी अटका लटका के रखना हैं?
प्रश्न मेरा महज़ इतना था।
क्योंकि मेरी अपनी कोई desire नहीं थी
सब desires उन्हीं की थी उन्हीं से थी...
उन्हीं की उधारी की थी।
मैं हर रूप में adjust कर सकती हूँ...
किंतु पहले clear तो हो
"मैं इसे उनके साथ create करूँ?
या एकांत में अकेले सिर्फ़ अपने लिए.. ? "
क्योंकि...
और इस वर्ष के आरंभ में मैंने लिखा था..
"This year is magical..."
( and आप जो लिखते हैं उसका आपके जीवन में बहुत प्रभाव रहता हैं particularly when you are projecting energy consciously Or unconsciously)
However...
This year was really difficult, physically mentally, emotionally ...
still I will consider it as a good year...
as अंत भला तो सब भला...
At least I got a conclusion and clarity in this regards...
I am very clear in my mind now which I have been seeking for a decade.
And it's nothing less than a Magic✨.
Now I know with what intention I should move forward in life.
These many years I have been just seeking for clarity
"Whether to stay..
or to move forward alone.. "
"Whether to create it with that someone..
or create it all alone in your silence in your solitude..."
That was the conffusion...
because एक बार गुज़र जानें के बाद मैं पीछे मुड़ के नहीं देखती..
मैं अपने किसी past से गुज़रने के बाद उन्हें याद करती नहीं रहती हूँ.. अनुभव चाहें कितना कटु व मिठा रहा हो
मीठे के लिए आभार
और कटु के लिए छमा का का दान कर आगे बढ़ जाती हूँ
ज्यों एक को commit किया, मेरा कोई past मेरे लिए exist करता नहीं...
ना मुझे पछतावा व अफ़सोस व किसी तरह का दुःख रहता हैं व किसी से शिकायत रहती हैं उनके किए का...
मेरे लिए मेरा वर्तमान ही पूर्ण महत्व का रहता हैं
और यहां तो पूर्ण जीवन के लिए समर्पित कर दिया था ख़ुद को... पूरी आत्मा से समर्पण किया था...
और वचन दिया था! जिसे पुरा पुरा मैंने निभा भी लिए..
कोई यह नहीं कह सकता के उसे मैंने ये वचन दिया था और निभाया नहीं
उसे दिए मेरे सारे वचन मैंने निभाए
और सबसे महत्वपूर्ण यह मेरा प्रेम था..
जिसे पूजा की तरह मैंने किया
और
इसलिए ही किसी की कुछ बातें
और अपने दिए वादे
कानों में गूंजते रहते...
किसी के लिए फ़िक्र सदा सताती रहती।
वो तो कह देते बड़े आराम से के
past के बारे में बात नहीं करना..
जबकी logic तो ये भी हैं
के past के बारे में यदि आपको बात नहीं करना
तो हम बात ही क्यों कर रहें हैं ?
हम मिले भी तो past में ही थे...?
यदि past शून्य हो गया आपके लिए तो हम भी तो शून्य नहीं हो गए... आपके लिए?
खैर मेरा सवाल महज़ उनसे इतना था..
दोस्त के तौर पे हो, या एक बच्चे के तौर पे,या प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी...
महज़ प्रश्न यह था के तुम आने वाले भविष्य को मेरे साथ बिताना चाहते हो ?
या chat की इसी fantasy world में जीना चाहते हो.. ?
मेरा प्रश्न यही था...।
और मेरा confussion भी यही के
वो मेरा साथ ये जीवन देखते हैं या नहीं!?
अपने future को मेरे साथ देखते हैं या नहीं!?
मैं किसी भी रूप में होऊँ उनकी ज़िंदगी में,
कोई भी होऊँ उनके लिए।
वो मुझे अपने साथ व मेरे साथ ख़ुदको भविष्य में देखते हैं? या नहीं... !?
या chat की दुनियाँ में ही अटके लटके रहना चाहते हैं!? और मुझे भी अटका लटका के रखना हैं?
प्रश्न मेरा महज़ इतना था।
क्योंकि मेरी अपनी कोई desire नहीं थी
सब desires उन्हीं की थी उन्हीं से थी...
उन्हीं की उधारी की थी।
मैं हर रूप में adjust कर सकती हूँ...
किंतु पहले clear तो हो
"मैं इसे उनके साथ create करूँ?
या एकांत में अकेले सिर्फ़ अपने लिए.. ? "
क्योंकि...