समाज में खुशियां बांटें लेकिन मेहनत करने की प्रेरणा दें
समाज में खुशियां बांटें लेकिन मेहनत करने की प्रेरणा दें:-एक छोटा सा शब्द खुशी जिसके बोलने से ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। खुशियां हमें कहीं ढूंढ़ने से नहीं मिलती। हमें खुशियों को अपने आप बनाना होता है। जिंदगी में खुशियों की कोई कमी नहीं है। बस खुशियों को मनाने का अंदाज़ होना चाहिए। खुश रहने का अपना एक अंदाज बनाएं। खुश रहने के लिए किसी मौके का इंतजार मत कीजिए। हर एक पल को खुश नुमाह बना दीजिए। अपने दिनचर्या की शुरुआत खुशी के साथ करेंगे तो मन भी प्रसन्न रहेगा। एक अलग से खुशी मिलती है खुद को जिससे बिगड़ते काम भी मुस्कान वाले चेहरे को देखकर सवर जाते हैं। ये हम पर निर्भर करता है कि हम अपने दिन की शुरुआत किस तरह करते हैं। किसी भी काम को करने के लिए किस्मत या भाग्य पर नहीं छोड़ सकते। खुशियां मिलती नहीं मांगने से मंजिल भी इतनी आसानी से नहीं मिलती कहीं राह पर रुक जाने से। भरोसा रखिए खुद पर और अपने रब पर सब कुछ देता है वो सही समय आने पर। अगर आप किसी की खुशियां लिखने वाली पेंसिल नहीं बन सकते तो एक अच्छा सा इरेजर बनिए जो किसी का दुःख मिटा सकें। किसी चेहरे पर खुशी लाना अच्छी बात है, किसी की मदद करना अच्छी बात है, लेकिन जरूरत मंद की। जब जेब में पैसा होता है तो पैसों से मदद करते हैं लेकिन उस व्यक्ति को एक ग़लत आदत करना भी सीखा देते है- मांगने कि आदत। मेहनत करने की प्रेरणा दीजिए, आगे बढ़ने की प्ररेणा दें ताकि वो जीवन में आगे बढ़कर ग़लत रास्ते पर ना जाएं। पैसे, अनाज, फल, कपड़ा बांटकर कितनी मदद कर लें लेकिन उसकी जरूरत कभी पूरी नहीं हो सकती। अकसर देखा जाता है कि अपने नाम को रोशन करने के लिए फल, सब्जी, कपड़े, पैसों को बांटने का काम करतें हैं लेकिन कभी जरूरत इंसान की मदद करने का मौका मिलता है तो तब घर में कंगाली आ जाती है। सही सलामत इंसान की मदद करनी है तो मेहनत करने की प्रेरणा दें, उसका होंसला बढ़ाएं, जीवन में कुछ करने कि प्रेरणा दें, पढ़ाई करने की प्रेरणा दें, लेने के लिए प्रेरित ना करें। इससे उसकी लेने की प्रवृति को जन्म देना है, ऐसे में इंसान दूसरों पर ही निर्भर रहता है। मेहनत करना छोड़ देता है। एक सही सलाह दें क्योंकि एक सही सलाह इंसान की जिंदगी बदलकर उजाला कर देती है और एक ग़लत सलाह से इंसान के जीवन में अंधकार कर हो जाता हैं। डॉ.श्वेता सिंह पानीपत
© Dr.Shweta Singh
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