मन की अवस्था
इस भरी दुनिया में देखा
कैसा है तकदीर का लेखा
तन पर ही सबका जोर है
मन की हालत कोई ना जाने
बावरा मन, चले किस और है
तन संवारने के जत्न में त्रस्त
ये दुनिया है बस इसी में मस्त
मन की सुध बुध किसको अब
मन बहलाकर ही खुश...
कैसा है तकदीर का लेखा
तन पर ही सबका जोर है
मन की हालत कोई ना जाने
बावरा मन, चले किस और है
तन संवारने के जत्न में त्रस्त
ये दुनिया है बस इसी में मस्त
मन की सुध बुध किसको अब
मन बहलाकर ही खुश...