रोज वक्त रेत की तरह हाथों से फिसलता जा रहा है पर मेरी कोशिशें हैं कि ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही हैं....
कोशिश करता हूँ मैं हर लम्हा हर पल
के भुला सकूँ उन सभी यादों को....
कोशिश करता हूँ मैं हर लम्हा हर पल
के तोड़ सकूँ अतीत की उन बेडियों को..
साथ ही कोशिश करता हूँ यह भी
कि माफ कर...
के भुला सकूँ उन सभी यादों को....
कोशिश करता हूँ मैं हर लम्हा हर पल
के तोड़ सकूँ अतीत की उन बेडियों को..
साथ ही कोशिश करता हूँ यह भी
कि माफ कर...