...

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वो छोटी सी गुड़िया
वो छोटी सी गुड़िया जो थी अभी ना समझ
हुई थी बस अभी अठराह की
चलने लगी बात उसकी शादी की
थी वो थोड़ी डरी सहमी सी
चाहती थी वो कुछ कहना
पर ना कह सकी वो कुछ ऐसा
ना बंधना चाहती थी वो अभी किसी बन्धन में
बस पूरे ही तो करना चाहती थी कुछ सपने उसके
शायद थी वो एक लड़की
इसलिए ना कह सकी कुछ
बस मार के अपने सारे सपने
मजबुर हो गई अनचाहे बंधन में बंधने के लिए