पीली दाल
बात वही पुराने उन दिनों की है जो अक्सर आप सबने मेरी धारावाहिक कहानी मिस शरारती में पढ़ा होगा.
मेरी बुआ जी का बेटा एक दिन खाने पर अड़ गया कि उसे पीली दाल खानी है. अरहर की दाल उसके लिए पीली दाल थी.. हर दिन उसे वही खाने को चाहिए होती थी.
मेरी माता जी, मैं और बुआजी के चाचा की फॅमिली उस दिन दोपहर के खाने पर बुआजी के यहाँ मौजूद थे.
वहाँ ये तमाशा भी साथ में लगा हुआ था. बुआजी ने मोहल्ले भर में पता करवा लिया कि शायद किसी के यहाँ पीली दाल बनी हो तो अपने...
मेरी बुआ जी का बेटा एक दिन खाने पर अड़ गया कि उसे पीली दाल खानी है. अरहर की दाल उसके लिए पीली दाल थी.. हर दिन उसे वही खाने को चाहिए होती थी.
मेरी माता जी, मैं और बुआजी के चाचा की फॅमिली उस दिन दोपहर के खाने पर बुआजी के यहाँ मौजूद थे.
वहाँ ये तमाशा भी साथ में लगा हुआ था. बुआजी ने मोहल्ले भर में पता करवा लिया कि शायद किसी के यहाँ पीली दाल बनी हो तो अपने...