निक्कू chapter no.19
आख़िरकार अंत मे मेरी परीक्षा खत्म हो गयी और मैं अब झांसी पहुच चुका था क्योंकि परीक्षा के बाद कुछ दिन की छुट्टियां मिली थी ,,आगे की तैयारी अछि हो तो साथ मैं कुछ किताबे भी ले आया था ,ओर थोड़ा बहोत पढ़ता भी था,ओर जब भी समय मिलता था वो समय मैं निक्कू को देता था उससे बात करता था,ओर वो भी करती थी,कुछ मोहब्बह तो कुछ दोस्ती की ओर सब बातें होती कि कैसे छुट्टियां बीत रही ह निक्कू की वो भी बहोत खुस थी की बहोत दिन बाद उसे दोस्त,घर, ओर अपने परिवार से मिलने का मौका मिलेगा,,
,वेसे झांसी से ज़्यादा दूर ग्वालियर नही था और तो ओर मौसम भी अच्छी थी और मेरे पास सुविधा भी थी पर कोई चाहे तब तो हम मंजिल पर पहुँच पाते पर निक्कू तो पूछी भी नही की आ जाओ घूम लो ,काश वो वक़्त मैं अगर एक बार निक्कू दिल से...
,वेसे झांसी से ज़्यादा दूर ग्वालियर नही था और तो ओर मौसम भी अच्छी थी और मेरे पास सुविधा भी थी पर कोई चाहे तब तो हम मंजिल पर पहुँच पाते पर निक्कू तो पूछी भी नही की आ जाओ घूम लो ,काश वो वक़्त मैं अगर एक बार निक्कू दिल से...