परिवर्तन
शांतनु नाम का एक युवक था।वह पढ़ा-लिखा था फिर भी बेरोजगार था।घर में वृद्ध अंधे माता-पिता रहते थे।उनके पालन-पोषण कि जबाबदारी भी युवक पर ही थी। बहुत कोशिश कि फिर भी उसे कहीं भी काम नहीं मिला।तो उसने सोचा कि , मुझे तो कहीं भी काम नहीं मिल रहा है।तो क्युं ना चोरी करके अपना गुजारा करुं ।यह सोचकर शांतनु ने चोरी करने का निर्णय लिया।
शांतनु बुध्दिमान था और अच्छी तरहसे बातें करने कि हुनर थी।तो शांतनु रात को किसी के घर जाता था और दरवाजा खटखटाया करता था। दरवाजा खोलने के बाद उनसे प्यार से बात करते हुए अपने को अनाथ बताकर , एक रात के लिए घर में रहने कि विनंती...
शांतनु बुध्दिमान था और अच्छी तरहसे बातें करने कि हुनर थी।तो शांतनु रात को किसी के घर जाता था और दरवाजा खटखटाया करता था। दरवाजा खोलने के बाद उनसे प्यार से बात करते हुए अपने को अनाथ बताकर , एक रात के लिए घर में रहने कि विनंती...