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इस 'वेब सिरीज़' के जमाने मे "प्रेम"...!
प्रेम होता एक ही है पर जहां पुरुष बड़ी सरलता से बया कर देते हैं वही महिलाएं नहीं कह पाती।
प्रेम मे पुरुष हमेसा जता देते हैं।उनके लिए प्रेम ऐसा है जिसके अपने साथी को दूर से निहारते हुए खुश हो लेना, उनके काम करते वक्त उनकी हर एक हरकत को देख एक हल्कीईईईई सी मुस्कान खुद के अधरो पर उकेरना।उनकी परेशानीयो मे उफ्फ्फ निकलना,बार बार समय को निहारते हुए ये सोचना 'पता नहीं आज घड़ी बहुत जल्दी चल रही है।' दूर से देखते हुए जब स्पेशल वन गर्ल की नजर पड़े तो खुद की नजरों को फ़ेरना कि हम आपको देख ही नहीं रहे हो।दुर खड़े हो खुद मदद ना कर किसी और से मदद करवाना बड़ा मासूम सा प्रेम होता है।
जो लड़के ज़िम्मेदारियों की भट्टी में तपते हैं, उनका प्रेम ऐसा पाक और रूहानियत सा होता है।जिस्म की मिलावट चाह से परे।एक साथ की तस्वीर की चाह से पहले चुपके से एक तस्वीर का ले लेना।स्पेशल वन गर्ल को पाने से पहले खुद को खुद से कड़ी मेहनत से मिलवाने की ज़िद होती है। बड़ा प्यारा और इनोसेंट सा होता है ऐसा इनका प्यार...!!
इस वेब सिरीज़के जमाने में किताब पढ़ने वाली पसंद होना और इस वेब सिरीज़ के जमाने में इस तरह का प्रेम कर पाना भी कमाल है...!!

Note:- इस तरह का प्रेम मिलना मुश्किल और कल्पनिक हि हो सकती है।आधुनिक और शो का दौर जो है।ऐसा नहीं की नहीं मिलता, लेकिन मुश्किल है।

© SunitaShaw