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जलेबी
जलेबी...
राजाराम को उसकी मौसी ने ही पाल पोष कर बड़ा किया, बिल्कुल अपने इकलौती औलाद बुद्धी राम की तरह...कोई फर्क़ नहीं..उल्टा छुटपन मे बुद्धि रोता रहता किन्तु डोकरी..राजाराम को गोदी से ना उतारती।
"डोकरी" इसी नाम से पुकारता था राजाराम उसे..., डोकरी को माँ कहने वाले बुद्धी को तो कुँवारेपन मे ही तपेदिक खा गया था ...डोकरी को जलेबी बहुत पसंद थी...राजाराम और बुद्धि जब छोटे थे तो छीतर हलवाई से रोज गरम गरम लाती और तीनों माँ बेटे चाव से खाते..।
बुद्धि जल्द ही कमाने लगा था सो छीतर का रेगुलर ग्राहक हो गया..वह अपनी माँ के जलेबी...