गप्पू का नया कारनामा
गप्पू का नया कारनामा
एक बार की बात है, गप्पू नाम का एक चंचल लड़का था। गप्पू अपनी शरारतों के लिए जाना जाता था। एक दिन, गप्पू ने अपनी मां से नया पेन मांगा। मां ने उसे एक सुंदर पेन दिया। गप्पू बहुत खुश हुआ और पेन लेकर बाहर खेलने चला गया।
खेलते खेलते गप्पू को एक कूड़ा करकट का ढेर दिखाई दिया। गप्पू ने सोचा, "क्यों न इस ढेर में पेन छुपाकर मां को खोजने का खेल खेलूं?"
गप्पू ने पेन को ढेर में छुपा दिया और घर वापस दौड़ता हुआ अपनी मां के पास गया।
"मां, मां!" गप्पू ने रोते हुए कहा, "मेरा पेन खो गया है!"
मां ने चिंतित होकर पूछा, "कहाँ खो गया?"
गप्पू ने कहा, "मुझे नहीं पता, मैं बाहर खेल रहा था और अचानक वो गायब हो गया!"
मां ने गप्पू को समझाया कि बिना सोचे समझे चीजें कहीं भी नहीं रखनी चाहिए। गप्पू ने मां से माफी मांगी और पेन ढूंढने के लिए बाहर निकल गया।
गप्पू कूड़ा करकट के ढेर के पास गया और पेन ढूंढने लगा। ढेर में ढूंढते हुए गप्पू को एक अजीब सा कीड़ा दिखाई दिया। गप्पू डर गया और भागने लगा। तभी, गप्पू को याद आया कि पेन ढूंढना है।
गप्पू ने हिम्मत जुटाई और फिर से ढेर में पेन ढूंढने लगा। ढेर में गहराई तक हाथ डालते हुए गप्पू के हाथ में पेन आ गया। गप्पू खुशी से झूम उठा।
घर वापस आते हुए गप्पू ने सोचा, "अब मां को कैसे बताऊं कि पेन ढेर में ही था?"
गप्पू घर पहुंचा और मां से बोला, "मां, मुझे पेन मिल गया!"
मां ने पूछा, "कहाँ मिला?"
गप्पू ने झूठ बोलते हुए कहा, "मां, वो पेन एक कुत्ते के मुंह में था। मैंने कुत्ते से पेन छीन लिया!"
मां ने गप्पू की बात सुनकर कहा, "बेटा, तुम बहुत बहादुर हो!"
गप्पू मुस्कुराया और मन में सोचा, "आज तो बच गया, लेकिन अगली बार झूठ नहीं बोलूंगा!"
कहानी का सार:
यह कहानी गप्पू नाम के एक चंचल लड़के की है जो अपनी शरारतों के लिए जाना जाता है। गप्पू अपनी मां से झूठ बोलता है और अंत में उसे अपनी गलती का एहसास होता है।
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