इनामी रकाम
इनामी रकम चंदू लाल को तैरना नहीं आता था . उन्होंने कसम ली थी की जब तक वो ठीक से तैरना नहीं सीख जायेंगे पानी में कदम नहीं रखेंगे . सावन का दिन था , गंगा नदी खूब उफान पर थी . चंदू लाल के मित्र मटकानाथ ब्रम्हचारी ने कहा - " चलो चंदुलाल तुमको तैरना सीखा दे 11 चंदुलाल ने कहा - " मैंने कसम की है , जब तक तैरना नहीं आये मैं पानी में पैर भी नहीं रखूँगा “ अरे ! ऐसा भी क्या हो सकता है , बिना पानी में उतरे तुम तैरना नहीं सीख सकते " , मटकानाथ ब्रम्हचारी ने कहा - " अब जिद्द छोडो और चलो गंगा जी में " चंदुलाल को लेकर...