...

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पुरानी डायरी (पार्ट_1)
आज जब कुछ समय मिला ख़ुद के लिए तो सोची कि क्यों ना आज फिर से कुछ पन्ने पलटे जाए
यादें ताज़ा करी जाए
जो बीत सा गया
समय
फिर आज जिया जाए
सोच यह मैं
जो लिखीं
पल पल समय घटित अपने जीवन की
हर महत्वपूर्ण घटनाएं को अपनी डायरी में
लिख कैद कर रखा था
बंद डायरी में
आज ढूंढ हर पन्ना
जो मेरे मन में छिपे रहस्य और कई राज़ समेटे हुए है
पढ़ मेरे संघर्ष की कहानी ख़ुद ।
कई गहरे जीवन के वाकिया और अल्फाज़ छन छन भर में जो कह नहीं पाई वह इस डायरी में लिखते गई।

कई रूपों कि दास्तान है इस मैं
कई गहरे विचार व्यक्त किए
बिना बोले सारा हाल पढ़ कर खुद का दिल से हर पल का जिक्र करते रही
इन डायरी के पन्नों में दर्ज


पढ़ो समझो इशारे और उस समय कि गरिमा को जो कहा हर पल कि साथ चाहेंगी किसी ना मिलेंगी
उम्मीद जताई जायेगी नहीं होगा पूरा
कई लोग आयेगे जायेगे
पर जो ज़िम्मेदारियां मिली या आगे मिलेगा
सब कुछ
तुझे चल अकेले
मिलेंगे कई सफ़र में पर
अकेले चल
मिसाल कायम करना है
कुछ ऐसा काम
जो समाज कल्याण और संसार का भला हो
साबित कर प्रदान जो किया
ईश्वर कि हर लीला का वर्णन करते जाती जो घटित हुआ पल-पल मेरे जीवन में इन डायरी के पन्नों में कैद है मेरी एक छोटी सी कहानी जीवन की
आओ आपको भी पहले मेरे जीवन के कुछ सच्चाई से परिचय कराओ
कुछ अजीब सा
कुछ सही गलत तरीके मेरे
कई अनुखी कहानिया लिखीं जो मन में छिपे रहस्य भरे हैं

अगला भाग में

बबिता कुमारी