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मेरे बचपन के दोस्त
👭मेरे बचपन के दोस्त मुझे बहुत याद आते हैं ,उनके साथ लड़ना ,झगड़ना, फिर थोड़ी ही देर मे मान जाना ,बहुत याद आता है lकभी जल्दी छुट्टी हो जाती थी ,तो हम लोग बहुत खुश होते थे ,और जब बहुत तेज बारिश होती थी ,तो सर का हम लोगों को कहानी सुनाना बहुत याद आता है , लंच के समय एक बड़े से खीरे को काटकर उसमें हरी मिर्ची और नमक की चटनी खीरे के ऊपर लगाकर खूब चटखारे ले लेकर खाना खूब याद आता है, साइकिल सीखते समय अपने दोस्तों को पीछे बिठाकर साइकिल चलाना और फिर धड़ाम से गिर ना बहुत याद आता है, सारे दोस्तों के साथ मिलकर जामुन के पेड़ से जामुन तोड़ना और खेतों के रास्ते से घर जाना बहुत याद आता है, जब बसंत पंचमी आती थी ,हम लोग दो दिन पहले से पूजा की तैयारी में लग जाते थे और दूसरे दिन विसर्जन के लिए जाना, और खूब सारा प्रसाद खाना बहुत याद आता है ,स्कूल में गेम खेलना पीटी करना बहुत याद आता है ,और जब भी स्कूल की छुट्टियां होती थी तो हम सारे लोग मिलकर पिकनिक पर जाते थे, बस में एक बड़ा सा माइक लगा कर खूब तेज गाना बजाते थे ,वह बहुत याद आता है ,वह मेरे बचपन की हसीन यादें, बहुत याद आता है lकाश.... ,एक बार फिर से लौट कर मेरा बचपन आ जाए.....ll