शर्तिया चंदन।
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। पर होने वाले वाक्या से बेखबर चंदन बड़ी हवेली की ओर चल देता है। वैसे तो बड़ी हवेली की तरफ जाने का हिम्मत अच्छे-अच्छों में नहीं थी, पर वह तो था शर्तिया चंदन, हां यह अलग बात है कि उसे डर नहीं लगता था। उसका मानना था कि जिस चीज को देखा ही नहीं किया उसे डरना कैसा? उसके दोस्त यह आस्वस्त होने के लिए कि वह वहां जाता है कि नहीं उसके साथ बड़ी हवेली के रास्ते निकल पड़ते हैं पर...
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। पर होने वाले वाक्या से बेखबर चंदन बड़ी हवेली की ओर चल देता है। वैसे तो बड़ी हवेली की तरफ जाने का हिम्मत अच्छे-अच्छों में नहीं थी, पर वह तो था शर्तिया चंदन, हां यह अलग बात है कि उसे डर नहीं लगता था। उसका मानना था कि जिस चीज को देखा ही नहीं किया उसे डरना कैसा? उसके दोस्त यह आस्वस्त होने के लिए कि वह वहां जाता है कि नहीं उसके साथ बड़ी हवेली के रास्ते निकल पड़ते हैं पर...