जिंदगी का सफ़र
चलो आज हम कहीँ घूमने चलते हैं। आसमां ने शाम की सुहानी चादर ओढ़ ली है, अब हम सफर शुरु करते हैं।वो वाला रास्ता देखो कितना प्यारा है न उसी से चलते हैं। वाह कितने सुंदर फूल, नदी वाह! लाजवाब!
वो देखो एक लड़की आँखें बंद करके नदी की किनारे बैठी है।
बहन!... कौन हो तुम? और यहाँ ऐसे शांत क्यों बैठी हो? मुझे बताओ अपनी कहानी बहन!
लड़की गंभीरता भरे स्वर में कहती है
... फ़िर कभी सुन लेना तुम्हारा सफर लंबा है और मेरी कहानी भी बहुत लंबी है।
नहीं! नहीं! मेरा सफ़र लंबा नही है मै तो सिर्फ़ दुनियाँ घूमने निकली हूँ कृपया मुझे बताओ अपनी कहानी इतना कहकर मैं नदी किनारे उसके पास बैठ गयी।
मेरे बिना पूछे ही वो सब...
वो देखो एक लड़की आँखें बंद करके नदी की किनारे बैठी है।
बहन!... कौन हो तुम? और यहाँ ऐसे शांत क्यों बैठी हो? मुझे बताओ अपनी कहानी बहन!
लड़की गंभीरता भरे स्वर में कहती है
... फ़िर कभी सुन लेना तुम्हारा सफर लंबा है और मेरी कहानी भी बहुत लंबी है।
नहीं! नहीं! मेरा सफ़र लंबा नही है मै तो सिर्फ़ दुनियाँ घूमने निकली हूँ कृपया मुझे बताओ अपनी कहानी इतना कहकर मैं नदी किनारे उसके पास बैठ गयी।
मेरे बिना पूछे ही वो सब...