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कारगिल युद्ध
कारगिल युद्ध

26 जुलाई 1999के दिन भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध 60 दिनों तक चले इस कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना ने परास्त कर दिया था

कारगिल जम्मू कश्मीर में स्थित एक जिला है कारगिल में उस समय के पाकिस्तानी सेना के जनरल परवेज मुशर्रफ के द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बिना बताए पाकिस्तानी जनरल के द्वारा पाकिस्तान सेना की घुसपैठ करवाई गई थी।

पाकिस्तानी सेना द्वारा लगभग 18000 फुट की ऊंचाई पर स्थित कारगिल की सभी पोस्टों पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया था कारगिल की इन पोस्टों का रणनीतिक तौर पर काफी महत्व है तथा इन पोस्टों पर दोबारा से अपने अधिकार में करने के लिए भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध ऑपरेशन Vijay चलाया गया था

अधिक ऊंचाई पर स्थित पाकिस्तानी सेना को काफी फायदा होने के बावजूद भी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को परास्त कर दिया था।

60 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना पर प्राप्त की गई इस विजय को हर साल 26 जुलाई के दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है । कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को 26 जुलाई के दिन श्रद्धांजलि दी जाती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध 60 दिनों से अधिक चला था 26 जुलाई के दिन कारगिल युद्ध का अंत हुआ था इस युद्ध में दोनों ही सेनाओं के जवान शहीद हुए थे।

कारगिल युद्ध होने का कारण — वर्ष 1984 में भारतीय सेना द्वारा सियाचिन ग्लेशियर को जीत लिया गया था। तथा भारत से इसका बदला लेने के लिए पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों द्वारा कारगिल की पोस्टों पर कब्जा किया गया।

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौता के तहत यह समझौता हुआ कि दोनों ही देश एक दूसरे के प्रति अहिंसक रहेंगे लेकिन पाकिस्तानी सेना ने शिमला समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियां जारी रखी जिसका नतीजा कारगिल युद्ध की शुरुआत था।

पाकिस्तानी सेना का इसके पीछे यह उद्देश्य था कि वह कश्मीर और लद्दाख के बीच संपर्क बना सके जिससे भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से पीछे हटने को मजबूर किया जा सके। तथा भारत पर कश्मीर विवाद पर बातचीत करने के लिए भारत पर दबाव बना सके। तथा भारत और पाकिस्तान के मध्य बहुत लंबे समय से चल रहे कश्मीर विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने का मौका मिल सके।

कारगिल युद्ध में हार के बाद पाकिस्तानी सेना पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा तथा वहीं इस कारगिल युद्ध में भारत और अमेरिका के मध्य अंतरराष्ट्रीय संबंधों में काफी मजबूती आई तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सेना कि तारीफ हुई।

कारगिल युद्ध में दोनों ही सेनाओं के जवान शहीद हुए थे जिसमें से भारत के लगभग 527 जवान शहीद हो गए थे और 1363 भारतीय जवान घायल हुए थे।

और वही पाकिस्तानी सेना के द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना के 453 सैनिक इस कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे लेकिन भारतीय सेना के द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के 1042 सैनिक कारगिल युद्ध में मारे गए थे।
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