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खून का रिश्ता
राजू अपनी माँ का इन्तजार कर रहा था बार बार अपने पापा से पुछ रहा था कि मम्मी कब तक आयेगी ।उसकी माँ बाजार गयी थी सामान लाने दो दिन मे राजू सात साल का हो जायेगा उसका जन्मदिन है दो दिन बाद तो उसी के लिए सामान लेने उसकी माँ बाजार गयी थी राजु बार बार दरवाजे की तरफ देख रहा था तभीं कुछ पुलिस वाले आते दिखे तो ाजु के पापा बाहर निकले जाकर देखने लगे कि क्या हुआ तभीं राजु की मम्मी को वहीं गाड़ी से उतारने लगे पुलिस को देखकर राजू डरकर अन्दर भाग गया था।
उनमे से एक लोग बताये कि कोई नशे मे राजू के मम्मी के ऊपर गाड़ी चढ़ा दिया जिससे वो वहीं दम तोड़ दी थी।अब तो जैसे सब खतम हो गया राजू
हमेशा चुप चुप रहता था न कुछ माँगता था ना कुछ कहता था ये देखकर राजू के पापा बहुत दुःखी होते थे जो रिश्तेदार आते थे मिलने उनको भी राजू को देखकर दुःख होता था!
एक दिन एक चाचा थे राजू के पापा के वो बोले तुम दुसरीशादी कर लो जिससे राजू की देखभाल करने मे आसानी हो जायेगी !राजू के पापा बोले नही मै राजू के लिये सौतेली माँ नही लाऊंगा तभी राजू की बूआ वहाँ आ गयी वो सब बात सुन रही थी तो बूआ बोली भइया मै एक ऐसी लड़की को जानती हुँ जो खुद सौतेली माँ की सतायी हुयी है उसकी माँ उसे बहुत सताती है तो मै सोच रही हुँ उसी को राजू की माँ बनाकर ले आऊं और भी बहुत तरह से राजू की बूआ अपने भाई को समझाया तो वो मान गये!
अब राजू की नयी माँ आ गयी जो राजू का हर तरह से ख़्याल रखती थी
वो राजू को दिल से मानने लगी अब राजू भी बहुत खुश रहने लगा था!
ऐसे ही समय गुजरने लगा कि एक दिन राजू के पापा भी चल बसे फिर दुःख के दिन आ गये लेकिन राजू की नयी माँ राजू की हर इच्छा का ख्याल रखती थी उसे बहुत मानती थी लेकिन जो लोग राजू से मिलने आते थे सब एक ही बात करते थे कि राजू का अब कोई न रहा एक सौतेली माँ है वो भला बच्चे का क्या ख्याल रखेगी उसका खुन का रिश्ता इससे थोड़ी है
ये सब बातें राजू को भरमाने लगी और वो अपनी नयी माँ से नफरत करने लगा!राजू को अब उसकी नयी माँ मे कमी ही दिखायी देती थी वो राजू को फिर भी बहुत मानती थी!एकदिन राजू के पड़ोस कीदादी कही कि बेटा तुम अपने मामा के यहां चले जाते वो तुम्हारे सगे मामा हैं उनसे तुम्हारा खुन का रिश्ता है !ये बात राजू को दिमाग मे घुस गयी और वो अपने मामा के यहाँ जाने की जिद करने लगा पर उसकी नयी माँ नही जचाहती थी कि राजू कहीं जाये वो राजू को खुब पढ़ाना चाहती थी और उसमे अपनी दुनिया देखती थी उसे राजू उसका सगा बेटा ही लगता था!
लेकिन राजू को अपने मामा के यहाँ जाने की जिद हो गयी वो हर हाल मे जाना चाहता था फिर एक दिन वो चुपचाप घर से भाग गया इधर राजू की नयी माँ उसे हर जगह खोजवायी पर राजू कहीं ना मिला !
करीब दस दिन बाद राजू के मामा के यहाँ कुछ पुलिस वाले राजू को लेकर गये जो भुख प्यास से दम तोड़ चुका था राजू के मामा आये तो एक सिपाही बोला कि इस बच्चे को आप पहचानते हो ये मरने से पहले आपका नाम पता बताया था तो राजू के मामा उसको देखे और बोले मुझे नही पता ये कौन है मै नही जानता इसे इतना कहकर वो गेट बन्द करके अन्दर चले गये अब पुलिस राजू को लावारिश मानकर उसका संसकार करने चली गयी!राजू के मामा की बेटी भी आयी थी अपने पापा के पास बाहर वो भी राजू को देखी थी वो जब अन्दर गयी तो पुछा पापा वो राजू था आप पहचाने नही तो वो बोले पता है तो लड़की बोली फिर आप क्यों नही बताये कि आप उसके मामा हो तो राजू के मामा बोले ऐसा कहता तो वो उसको लेकर अन्दर आ जाते फिर सब साफ करवाना पड़ता पानी से धुलवाना पड़ता इसलिए .........।।


© Meri kalam se