आत्म संगनी की आंख का आसूं.....
आज आत्म संगनी से बिछड़े 45दिन गुजर गए थे, इन दिनों उसकी याद की खुशबू, हरपल मेरे तन बदन को महका रही थे। उसको पहली बार देखना,उसको पहली बार महसूस करना उसको चूमना ,उसके बदन की खुशबू,उसके बालों की रंगत,उसकी मुलायम सी उंगलियों में मेरे हाथ का होना,उसको छूकर महसूस करना।और सबसे खास उसको बिना पाए अपने आप में पूर्ण रूप से आत्मसात करना गर्ज के उसके साथ बिताये हर पल की याद मेरे...