मायका और ससुराल
माँ बाप की कहलती है जो शहजादी,
नाजो नखरो से जो पाली जाती,
जिसके आसुओ की एक बूंद से पिता का दिल तड़प जाता है,
वो शहजादी कोई और नही बेटी होती है,
जिसके खुशी के लिए माँ बाप जीते है,
जिस शहजादी की लिए माँ बाप अच्छा वर की कामना करते है,
बेटी चाहे जैसी हो बेटी घर की पूँजी होती है,
जिस पूँजी को माँ बाप दिल मे पत्थर रखकर किसी गैर के साथ उसका विवाह करते है,
बेटी के पति को...
नाजो नखरो से जो पाली जाती,
जिसके आसुओ की एक बूंद से पिता का दिल तड़प जाता है,
वो शहजादी कोई और नही बेटी होती है,
जिसके खुशी के लिए माँ बाप जीते है,
जिस शहजादी की लिए माँ बाप अच्छा वर की कामना करते है,
बेटी चाहे जैसी हो बेटी घर की पूँजी होती है,
जिस पूँजी को माँ बाप दिल मे पत्थर रखकर किसी गैर के साथ उसका विवाह करते है,
बेटी के पति को...