वक़्त ही बलवान
साल के बारहों महीनें सेठ प्रसादी लाल की हवेली पर बड़े बड़े धनासेठों और नेताओं की आवाजाही लगी रहती थी। सेठ प्रसादी लाल को लोग किस्मत का सबसे ज्यादा धनी मानते व्यक्ति थे। मानते भी क्यों न किसी ज़माने में जिस परिवार के घर खाने के दाने भी न थे वो रातों ही रात में शहर का सबसे अमीर परिवार बन गया था। जो लोग कभी टूटे फूटे मकान में रह कर गुज़ारा कर रहे थे। आज वो शहर के बीचों बीच करोड़ो रुपयों की हवेली के मालिक थे। नौकर चाकर, गाड़ियाँ, कारोबार, बड़े बड़े नेता अधिकारियों...