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अगर मैं भी खूबसूरत होती –1

पहचान:
मेरा नाम सितारा है। अभी मैं 5 साल की हूं। मुझे सभी छोड़ देते हैं क्योंकि मैं उनकी तरह खूबसूरत नहीं हूं। धीरे धीरे से मुझसे मेरे दोस्तों ने भी मज़ाक करना शूरू कर दिया और मेरे भाई बहन भी ऐसे ही है । वो हमेशा मुझे चिड़ाते है । अब मेरे मन में सबके लिए अब नफ़रत भर चुकी है।
मैं और मेरे दोस्त बड़े हो चुके हैं। मेरे सभी दोस्तों की शादी हो चुकी है और मेरे भाई बहनों की भी । मेरे लिए भी रिश्ते आते हैं पर ऐसे जिसमे लड़के की उम्र बड़ी होती है या जिसमे लड़का मानसिक तौर से सही न हो। मेरी मां हिम्मत हार चुकी हैं कि मेरे लिए कोई अच्छा रिश्ता आएगा भी या नहीं ।
मैं अपनी भाभी के साथ रसोई में हूं। मेरा भाई काम पर गया है और मेरी मां आंगन में है । तभी कोई गेट खटकाता है। मेरी मां दरवाजा खोलती है। एक 40 -42
साल की औरत आती है। वो मां से कहती है कि मैं यहां इस गांव में एक शादी में आई हूं । वहां पता चला कि तुम्हारी बेटी की शादी नही हो रही। तब मां कहती है कोई कमी नहीं है मेरी बेटी में बस जो उसके लिए सही हो वैसा लड़का नहीं मिल रहा। वो औरत कहती है कि अगर तुम बुरा न मानो तो मैं एक बार कहूं अगर मेरे बेटे के साथ आप अपनी बेटी का रिश्ता जोड़ना चाहे तो।
मां कहती है ये तो बहुत खुशी की बात है । अगर आपके बेटे को हमारी बेटी पसंद आती है तो हम बात आगे ज़रूर बढ़ाएंगे। वो औरत कहती है ठीक है अगले हफ्ते रविवार को मैं अपने परिवार के साथ आऊंगी । आप सब तैयार रहना । अब मैं चलती हूं । ये कह कर वो औरत चली जाती है । मेरी मां इस बात से खुश थी कि कोई अच्छा रिश्ता सामने से आया है। खुशी से मां ने सबको बताया और मुझे भी। मैं भी खुश थी लेकिन कहीं न कहीं मेरे मन ये बात खटक रही थी कि मेंर लिए ही क्यों ? उन्हें तो बहुत अच्छे रिश्ते मिल जाते पर मुझे ही क्यों चुना गया। मैं किस्मत का खेल समझ का ये बात मान गई।
रविवार को सभी तैयार हो गए। सभी तैयारियां भी हो चुकी थी । ठीक 11:00 बजे वो औरत अपने बेटे के सात आ जाती है। साथ में उसके कुछ रिशतेदार भी आए थे। लडका मेरी भाभी की तरफ देखने लगता है तभी वो औरत कहती है ये लड़की की भाभी है वो भाई हैं और वो उसकी मां है । तब मैं सबके लिए चाय लेकर आती हूं। लडका मेरी तरफ़ देख कर हंसने लगता है जैसे कि वो मेरा मज़ाक उड़ा रहा हो। सभी को लड़का पसंद आ जाता है और मुझे भी सभी पसंद कर लेते हैं । सब हमें अकेले बात काने कि लिए भेजीत हैं। अकेले में लड़का पूछता है कि तुम्हारा नाम क्या है। मैंने शरमाते हुए कहा कि सितारा। वो कहता है अच्छा है मेरा नाम विनय है । मेरा अपना खुद का बिजनेस है । और मैं अच्छी फैमिली से आता हूं। मैंने उसे ‌‌ पूछा केि तुम्हें मैं सचमे पसंद आई । तब वो बिना किसी जिझक कि केता है पता नहीं। तुम लड़की अच्छी हो ..... हम मिलते हैं... तैयार रहना।
उसकी बातों पर मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि वो सचमें उससे शादी केि लिए का रहा है। हम साथ नीचे चले जाते हैं । बात बिना किसी सगाई के शादी तक पहुंच गई । लड़के की मां कहती है हमें आपकी बेटी पसंद आई हम जा्दी से जल्दी आपकी बेटी को अपने घर में लाना चाहते हैं ।
अगले ही 15 दिनों में शादी की तारीक तय हो गई। बिना किसी रुकावट के । शादी वाले दिन सभी खुश थे कि आखिर मेरा रिश्ता एक अच्छा परिवार से जुड़ ही गया । मैं भी खुश थी पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये एक सच है या सपना । बड़ी धूम धाम से मेरी शादी भी हो गई । लड़के के मां ने कहा कि इसे आज ही काम के लिए दिल्ली जाना होगा तुरंत।
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