...

2 views

#रॉन्गनंबर
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो... ऐसे ही घंटी बज उठी और आवाज़ इतनी मधुर थी दिल ही नहीं किया रिसीवर को नीचे रखने का मकैनिक ना होते हुए भी उसकी गाड़ी ठीक करने चला गया जब वहां जाकर देखा वह आवाज से ही नहीं बल्कि वह भी बहुत सुंदर थी। मैं उसे कह ही नहीं सका कि मैं मकैनिक नहीं हूं बल्कि मैं उसकी गाड़ी को ठीक करने की कोशिश करने लगा उसकी गाड़ी टायर पंचर हो गया था और मैंने नया टायर लगा दिया जो उसकी गाड़ी में ही था। जब वह जाने लगी तो उसने 500 का नौट पकड़ा दिया और धन्यवाद देने लगी मैंने कहा इसकी कोई जरूरत नहीं है मैं मकैनिक नहीं हूं मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हूं आपकी जगह कोई भी होता तो मैं उसकी मदद करने जरूर आता
यह सुनकर उसने कहा कि मेरा नाम निधि है और मैं होस्टल से घर जा रही हूं मेरी चचेरी बहन की शादी है अगर आप को बुरा न लगे तो आप शादी पर जरूर आना। अगले दिन मैं उसकी बहन में शादी में चला गया वह मुझे देख कर बहुत खुश हूई उसने अपने घर वालों से मेरा परिचय करवाया तो उसके घर वाले मुझे देख कर खुश हुए और मुझे भी उनसे मिलकर खुशी हुई फिर मेरा और नीधि का
मिलना -जुलना होने लगा कभी वह हमारे घर कभी मैं उसके घर आते -जाते रहते।
एक दिन मैंने उसे अपने दिल की बात बताई और उससे पूछा क्या तुम मेरे साथ शादी करोगी तो उसने
मेरी तरफ देखकर शरमा कर हां बोलकर चले गई उस वक्त मेरी खुशी का कोई ठिकाना न था। मेरे और निधि के घर वाले झट से मान गए और हम दोनों की शादी हो गई।
जीत यह सब सोच ही रहा था तभी निधि ने आवाज लगाई बिजली आ गई है मैं चाय लेकर आ रही हूं हम दोनों एक साथ चाय पिएंगे और जीत यही सोचकर मुस्कुरा रहा था

कब रांग नंबर सही लग जाए
किसे क्या पता
भगवान की मर्जी
भगवान जी को पता।।


© mmmmalwinder