सोंधी माटी
अरे बिरजू तुझे पता है अपने गाँव में कमली का बेटा पढ़ लिख कर दरोगा बन गया है देखना अब ज़ालिम सिंह से अपनी खेत को गिरवी से छुड़ा लेगा।
बिरजू अरे हाँ रे शामू कोई सोचा नही था की कमली भी अपने बेटे को इस काबिल बना देगी।
अरे कमली तो ज़ालिम सिंह के यहाँ अपनी थोड़ी जमीन थी वो भी गिरबी रख दी थी।
केशव को पढ़ा कर अफसर बनाने के लिए
और ज़ालिम सिंह अपने नाम के जैसा ही कितना ज़ालिम था
कुछ पैसों के बदले कमली की जमीन को हड़प लिया था ।
तुझे तो पता ही है न।
शामू हाँ बिरजू कितनी बेचारी मिन्नत की थी लेकिन ज़ालिम सिंह को दया नही आई।
बेचारी जैसे तैसे करके अपने बेटे को उसने इस काबिल बना दिया
. हाँ शामू तू सही कह रहा है।
कमली की हिम्मत के आगे भगवान भी उसकी सुन ली और आज तो उसकी मेहनत की सोंधी सोंधी खुशबू से उसकी मिट्टी का घर भी महक...