आलू
कल शाम यूं ही टहलते टहलते मैं बाजार की तरफ निकल गया। वहां पहुंच कर मन में एक ख्याल आया अब ही गया हूं तो कुछ सब्जियां भी लिए चलता हूं। यही सोचकर एक एक बड़ी सी दुकान के में मैं प्रवेश करता हूं। और वहां का मंजर देखकर स्तब्ध रह जाता हूं।
इधर-उधर बहुत नजर घुमाई मग़र सारी सब्जियों की टोकरियां खाली पड़ी हुई थी और कुछ जो बाकी बचे थे वह सुख थे ।सिवाय पनीर के और कुछ दिख नहीं रहा था वहां ..?? कितना खाऊं पनीर अभी 4 दिन से लगातार पनीर की सब्जियां ही घर में बन रही थी ।कभी पालक पनीर तो कभी पनीर बटर मसाला , कभी पनीर चिंगारी और कभी पनीर बादामी ..! थक चुका था मैं पनीर की सब्जियां...
इधर-उधर बहुत नजर घुमाई मग़र सारी सब्जियों की टोकरियां खाली पड़ी हुई थी और कुछ जो बाकी बचे थे वह सुख थे ।सिवाय पनीर के और कुछ दिख नहीं रहा था वहां ..?? कितना खाऊं पनीर अभी 4 दिन से लगातार पनीर की सब्जियां ही घर में बन रही थी ।कभी पालक पनीर तो कभी पनीर बटर मसाला , कभी पनीर चिंगारी और कभी पनीर बादामी ..! थक चुका था मैं पनीर की सब्जियां...