...

9 views

पहले प्यार फिर इंकार....!
एक दिन की बात है एक लड़की अपने दादी घर रहने के लिये गाँव आयी थी। लड़की घर मे बैठे बैठे बोर हो गई थी। इस लिये लड़की ने सोचा क्यु ना बाहर गुमने ने लिये चली जाव। लेकिन उसे उस गाँव मे कोई पहचान ता नही था उसे पता नही चल रहा था की मे कहा जाव। उस वक़्त दादी माँ से चीनी लेने के लिये पड़ोस मेसे एक लड़का आता है। वो लड़की उस लड़के के तरफ देखती रहती है।
अब हर दिन वो लड़की घर के बाहर बैठी रहती है। वो लड़का कुछ ना कुछ लेने के लिये बाहर जाया करता था। लड़की उस लड़के को देखती रहती है लड़का उस लड़की को देखता रहता है। दोनो मे आपस मे दोस्ती हो जाती है। लड़की उस लड़के को कहती ही मे हर दिन घर मे बैठे बैठे बोर हा जाती हु मुझे कही गुमने जाना है। उस लड़के ने कहा चलो तो आज तुम्हे मेरी साइकाल पे पुरा गाँव गुमाता हु।
इस तरहा हर दिन वो दोनो गुमने के लिये निकल पड़ते ही। दोनो की दोस्ती अब प्रेम मै बदल न लगी थी वो दोनो एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। लेकिन वो दोनो क्या प्यार केवल गाँव तक था।
लड़की जैसे है शहेर मे चली जाती है तब उस दोनो मै कोई बात चित् करने का जरिया नही बचता हैं। दोनो एक दूसरे के बगेर तड़प ते रहते थे। इस तरहा दोनो ने एक साल निकाल दिया बिना बात चित् किये बिना एक दूसरे को देखे बिना।
जैसे है लड़की अपनी स्कूल की छुट्टी होने के बाद गाँव आती है वो तुरंत घर के बाहर बैठ जाती ही और उस लड़के का इंतेजार करने लगती है।...