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Beti
बेटी होना सौभाग्य की बात है। और मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी एक बेटी है।जब वो होने वाली थी तब नवरात्रि का पर्व था। मैं बहुत तकलीफ़ में थी। मां दुर्गा का मन्दिर मेरे कमरे की खिड़की से दिखाई दे रहा था।जो बहुत ही सुन्दर ढंग से सजाया गया था।सात अक्टूबर को रात में करीब बारह बजे रात में मैं बहुत बेचैन हो कर उस खिड़की के पास आकर खड़ी हो गई, और मां दुर्गा से प्रार्थना की ,कि मां सब कुछ ठीक से हो जाए बहुत तकलीफ़ हो रही है और शांत चुप- चाप खड़ी हो कर मन्दिर को निहारने लगी।
अगले दिन आठ अक्टूबर की सुबह मुझे हास्पिटल में एडमिट किया गया उस दिन नवमी थी। शाम को मुझे बेटी हुई। पूरा परिवार बहुत खुश हुआ कि नवमी के शुभ अवसर पर बेटी का जन्म हुआ है । उसके जन्म होने के बाद सुबह-सुबह बड़े-बडे बब्बर शेर का मुझे सपना आया। मैं तो एकदम से घबराकर उठ गई। मैंने ये बात अपने मम्मी पापा को बताई तो उन्होंने कहा कि दुर्गा जी का दिन है न इसलिए सपना आ गया और बेटी का नाम दुर्गा मां से संबंधित रखना। हमने उसका नाम प्रनवी रखा जिसका अर्थ पार्वती जी है।
वह बुद्धिमान, दयालु, निडर भी है। अपने स्कूल की बेस्ट स्पीकर चुनी गई है। उसकी उम्र ग्यारह साल है और वह घर के काम में मेरा पूरा सहयोग करती है।मेरा एक सोलह साल का बेटा भी है, बेटी के आने से मैं कह सकती हूं कि मेरा परिवार पूर्ण हो गया।
बेटी एक चिड़िया के समान होती है जिससे घर में चहचहाहट बनीं रहतीं हैं। मुझे तो वह कयी नाम से पुकारती है जैसे, मोमोज,मानू, मां । हम सबको बहुत प्यार करती है और उतना ही प्यार पाना भी चाहती है।हम सब उससे बहुत प्यार करते हैं।
किसी ने सच ही कहा है कि बेटी घर की लक्ष्मी होती है।
Jyoti Mohan