...

5 views

सोशल मीडिया vs रीयल जिंदगी
सोशल मीडिया vs रीयल जिंदगी

आधुनिक युग में सोशल मीडिया का बहुत अत्यधिक महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति जिसके हाथ में स्मार्टफोन है वह अपनी बात को सोशल मीडिया पर पहुंचाना चाहता है। मोबाइल में उपलब्ध एडवांस तकनीक के सहारे आज की तारीख में सोशल मीडिया पर कुछ भी अपनी पसंद एवं इच्छानुसार प्रस्तुत करना एक बहुत ही सरल कार्य हो गया है।
इसलिए आज के समय में सोशल मीडिया पर उपलब्ध किसी भी सामग्री पर आंख बंद कर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं है। अनेक बार ऐसा पाया गया है कि यह सामग्री सत्यता से कोसो दूर होती है और रीयल जिंदगी से इसका कोई वास्ता नहीं होता है यह केवल दूसरों को प्रभावित करने यहां तक कि कभी कभी धोखा देने के इरादे से अपलोड की जाती है। क्योंकि तकनीक के सहारे किसी भी व्यक्ति को किसी और स्थान पर होने के बजाय किसी अन्य स्थान पर दिखाया जा सकता है। किसी उम्रदराज व्यक्ति को कम उम्र का दिखाया जा सकता है यह आज के युग में तकनीक का बहुत ही साधारण सा फीचर है।
उदाहरण के तौर पर बाजार से मंगाई गई खाद्य सामग्री को बेहतरीन तरीके से सजा कर घर से यह तस्वीर डाली जा सकती है कि वह स्वयं के द्वारा बनाई गई स्वादिष्ट रेसिपी है। नेट से डाउनलोड किए किसी स्थान विशेष के प्राकृतिक दृश्य के साथ अपना फोटो लगाकर यह पोस्ट किया जा सकता है कि वह व्यक्ति फला स्थान पर घूमने गया हुआ है। जब की असल जिंदगी में हो सकता है वह व्यक्ति अपने घर पर ही मौजूद है कहीं घूमने गया ही नहीं है।
गाना गाने के लिए सुरीली आवाज न होने के बावजूद भी तकनीक के सहारे एक गाने का वीडियो बनाकर किसी व्यक्ति विशेष को गाते हुए दिखाया जा सकता है। किसी भी महंगे रेस्टोरेंट में जाकर केवल एक स्कूप आइसक्रीम का ऑर्डर देकर या कई बार बिना उसके भी अपनी अच्छी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करके यह भ्रम पैदा किया जा सकता है कि वह व्यक्ति डिनर पर अमुक महंगे रेस्टोरेंट में जाता है।
इसी प्रकार कोई व्यक्ति बिना कोई खास एक्सरसाइज किए अपने आप को जिम करते हुए एक बहुत ही अनुशासित एवं एक्सरसाइज करने वाले व्यक्ति के रूप में दिखा सकता है। इसी प्रकार किसी साधारण सकल सूरत के व्यक्ति के द्वारा एक बहुत ही सुंदर आकर्षक तस्वीर या वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाना एक आम बात है।
सोशल मीडिया एक सशक्त औजार के रूप में उपलब्ध है जिसका उपयोग व्यक्ति अपनी नीयत के अनुसार कर सकता है इसके द्वारा समाज के लोगों को लाभ या हानि पहुंचाई जा सकती है।छोटी छोटी ज्ञानवर्धक जानकारी के वीडियो बनाकर यू ट्यूब पर डाली जा सकती है। ऐसे विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धक जानकारी लिए अनेक वीडियो हमे फेस बुक, यू ट्यूब, इंस्टा आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आसानी से मिल सकते हैं।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी सूचना वास्तविक जीवन से बिल्कुल भिन्न भी ही सकती है अतः इसका उपयोग जांच परख कर ही करना चाहिए।
-----------------------------