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ख़ुशी के आँसू
गर्भस्थ जुड़वाँ शिशु आपस में बुदबुदाते हुए …

पहला-तुमने सुना ,बाहर के लोग क्या बात कर रहे दूसरा- क्या बात कर रहे हैं भाई बताओ ज़रा
पहला- बोल रहे कि अगर लड़की होगी तो कैसे उसको पालेंगे ,कितना ख़र्चा होगा !
दूसरा -हाँ भाई सुना मैंने ,जाने कौन बोल रही थी
अरे लड़की होना क्या अभिशाप है ??क्या भाई मैं अभिशाप हूँ ??
पहला _ नहीं बहन जाने कौन थी ,हमें ज़्यादा फ़ालतू बात नहीं सुननी चाहिए
दूसरा —भगवान करे हम यहीं पेट में ही रहें ,यहीं हम दोनों ठीक हैं
ना जाने बाहर की दुनियाँ कैसी होगी ।
लेकिन समय रुकता नहीं ,अंत में दोनों जुड़वा का जन्म हुआ और बाहर की दुनियाँ में दोनों ने प्रवेश किया ।
लेकिन ये क्या 🥹
सब उन दोनों को कितना प्यार कर रहे थे ।ये देखो भाई माँ,पापा ,चाचा चाची ,बुआ ,दादा दादी अरे कितने लोगों ने हमें प्यार से हमें उठा रखा है ,सब लोग कितना प्यार कर रहे हैं ।
बहन हम ग़लत थे ,जब तक ख़ुद से किसी को ना जानो तब तक उसके लिये कोई निर्णय देना उचित नहीं होता ।
दोनों भाई बहन की आँखों में ख़ुशी के आँसू थे ,और सबके प्यार में ख़ुद को खो चुके थे …..😊


© गुलमोहर