...

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मैं हौसला हूं कांच नहीं
मैं हौसला हूं कांच नहीं
जो टूट जाऊंगी!

कदम रोके हैं हारी नहीं हूं
जो चुप बैठ जाऊंगी!

सपनों की ऊंची उड़ान हूं
पिंजरे में बंद पक्षी नहीं!

अंधकार का साया नहीं
रोशनी की किरण हूं!

मां पापा का नाम रोशन करके
गर्व कर आऊंगी!

बेटी हूं कलंक नहीं
जो मुंह ना दिखाऊंगी!

वरदान हूं अभिशाप नहीं
जो बेटी के रूप में जन्म ना लूंगी!

कोई मुझे ना समझे तो क्या
एक दिन अपनी पहचान खुद बनाऊंगी!

कितना भी घर में बंद करो मुझे
1 दिन आसमान में उड़ जाऊंगी!

किसी के दम पर नहीं
अपना रास्ता खुद बनाऊंगी!

रास्ता अधूरा है तो क्या
1 दिन मंजिल को जरूर पाऊंगी!😀😀😀😀😀😀😀😀😀

thank you all friends 😀 😀😀😀
© neha