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शर्त -चंदन की हार या जीत
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।वह बड़ी हवेली गया लेकिन उसको पता नहीं था के उसके साथ वहाँ क्या होने वाला है। चंदन पक्के इरादे से हवेली पहुंचा।आनंद और उसके दूसरे साथियों ने उसको वहां भूत बनकर डारने का प्लान बनाया था।चंदन हवेली पहुंचा, हवेली की ऊंची दीवार कूद कर ,उसने देखा हवेली सुनसान पड़ी है।मौक़ा अच्छा है हवेली के बाग़ में जाकर दस आम ही तो तोड़ने है लेकिन उसे पता नहीं था के उसके दोस्त पहले से ही बगीचे में छुप कर बैठे हैं ।उसको डराने के लिए दोस्तों ने तरह -तरह की आवाज़ें निकालनी शुरू की ।आवाज़ सुन कर चंदन डर गया लेकिन शर्त जीतने के लिए उसने आम तोड़ लिए।आनंद की नियत आम पर खराब हो गई वो ख़ुद तो हवेली जाकर आम तोड़ने की हिम्मत नही कर पाया क्यों के हवेली शापित थी ।आनंद ने चालाकी से चंदन को भेज दिया और ख़ुद दूसरे दोस्तों के साथ उसके पीछे-पीछे हवेली चला आया ।आम लेकर उसको मारने के लिए लेकिन वो ख़ुद नही जानता था के आज उसके साथ क्या होने वाला है।आनंद एक लालची इंसान है जिसे ये पता चला के आम के पेड़ के बगीचे में खज़ाना छुपा है तो उसने चंदन को शर्त के लिए तैयार किया चंदन मान गया उसको पता भी नही चला के उसको बलि का बकरा बनाया गया है।आनंद लालची था और चंदन शर्त की आदत से मजबूर इंसान जो शर्त जीतने के लिए जान की बाज़ी भी लगा सकता है।आनंद ने चंदन से आम छीनने के लिए उसको बेहोश कर दिया,चंदन बेहोश हो गया आनंद आम लेकर भाग ही रहा था के उसका पैर किसी ताक़तवर चीज़ ने पकड़ लिया और उसको गढ्ढे में खींच...