बचपन का वादा
CHAPTER 18
मानवी तस्वीर देखी बोलती है वह बचपन का वह लड़का कोई और नहीं शेखर है।क्या वह मेरा इंतजार कर रहा होगा। क्या उससे मैं अभी
तक याद हूं ।मुझे समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करूं मैं हंसु या खुशी के मारे रोयू मुझे यकीन था कि तुम मुझे भूल नहीं होंगे फोटो को देखकर
बोलती है पता है मैं भी तुम्हें नहीं भूल पाई हू ।मैं भी तुम्हारा इंतजार कर रही थी।मैं हरपाल सोचती थी जब तुम मिलोगे तो में तुमसे खूब सारी
बाते करूंगी । लेकिन तुमसे मिलने के बाद समझ नही आ रहा है मैं तुमसे कैसे बात कर रही हू।पता मुझे तुमसे बहुत कुछ बताना है बहुत
सारी बाते करनी है । लेकिन देखो ना तुम मेरे सामने थे लेकिन मैं जान ही नहीं पाई की तुम कोई और नहीं शेखर ही हो लेकिन मैं तुम्हरे
तस्वीर से क्यो बाते कर रही हू जब तुम मेरे सामने ही हो । फिर मानवी क्लास की तरफ जाने लगती है हाथ मैं तस्वीर लेकर आखों मैं खुशी
का आंसु बस जाते ही जा रही थी तभी क्लास मैं देखती है कि सब असाइनमेंट बनाने में बहुत बिजी है और टेंशन में भी है और फिर मन में
सोचती है शेखर पहले बहुत टेंशन में था अभी अच्छा समय नहीं है यह सब बातें करने की एक बार असाइनमेंट...
मानवी तस्वीर देखी बोलती है वह बचपन का वह लड़का कोई और नहीं शेखर है।क्या वह मेरा इंतजार कर रहा होगा। क्या उससे मैं अभी
तक याद हूं ।मुझे समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करूं मैं हंसु या खुशी के मारे रोयू मुझे यकीन था कि तुम मुझे भूल नहीं होंगे फोटो को देखकर
बोलती है पता है मैं भी तुम्हें नहीं भूल पाई हू ।मैं भी तुम्हारा इंतजार कर रही थी।मैं हरपाल सोचती थी जब तुम मिलोगे तो में तुमसे खूब सारी
बाते करूंगी । लेकिन तुमसे मिलने के बाद समझ नही आ रहा है मैं तुमसे कैसे बात कर रही हू।पता मुझे तुमसे बहुत कुछ बताना है बहुत
सारी बाते करनी है । लेकिन देखो ना तुम मेरे सामने थे लेकिन मैं जान ही नहीं पाई की तुम कोई और नहीं शेखर ही हो लेकिन मैं तुम्हरे
तस्वीर से क्यो बाते कर रही हू जब तुम मेरे सामने ही हो । फिर मानवी क्लास की तरफ जाने लगती है हाथ मैं तस्वीर लेकर आखों मैं खुशी
का आंसु बस जाते ही जा रही थी तभी क्लास मैं देखती है कि सब असाइनमेंट बनाने में बहुत बिजी है और टेंशन में भी है और फिर मन में
सोचती है शेखर पहले बहुत टेंशन में था अभी अच्छा समय नहीं है यह सब बातें करने की एक बार असाइनमेंट...