अमरबेल
वह पूरे घर को अपने आँचल में समेट लेना चाहती थी। पत्थर , मशीन, काँच, जाली ,तार; उसके लिए सब अपने ही थे।
सबसे लिपटती , सबको समाती , वो बढ़ती जाती।सर्दी, गर्मी , बरसात,...
सबसे लिपटती , सबको समाती , वो बढ़ती जाती।सर्दी, गर्मी , बरसात,...