...

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तन्हाई
मैं उसके साथ बैठ कर कई शामेँ बिताना चाहता हु
अच्छी हो या बुरी बस यादें बनाना चाहता हू ।

मेरी दहलीज पर तो वो नही आता
मैं उसके दरवाज़े पर एक दस्तक देना चाहता हु

बहुत फूल है इस चमन में कैसे किसी से खता करू
उसे गुलाब बहुत पसंद है में उसे गुलाब देना चाहता हु

उसकी हसरत थी मैं उसे कुछ बेशकीमती दू
मैं उसे अपना दिल देना चाहता हु


2.जिसको आता नही नदी में भी तैरना
उसके साथ समंदर में कूद कर गलती कर दी

मज़हब की बातें करके वो मुझे आजमाना चाहता है
मैने उसको अपना मज़हब बता कर गलती कर दी

बातें न समझी में करता है सारी वो
मैं उसका अपना था उसने मुझे न समझने की गलती कर दी

कब तक उसकी गलतियों को नजरंदाज करू मैं
करके माफ हर बार उसको मैने गलती कर दी

देकर एक बार फिर दिलाशा चला गया वो
हर बार उसको मैने अपनाकर गलती कर दी ।