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हमारी जिंदगी
पता है हमारी जिंदगी एक ऐसे मोड़ पर आ चुकी है जहां दर्द तो बहुत है मगर उस दर्द को बांटने वालाअपना कोई नहीं ।तकलीफ बहुत होती है मगर हमें समझने वाला अपना कोई नहीं ।बहुत शोर है अंतर मन में मगर उसे सुनने वाला अपना कोई नहीं। टुट कर बिखर चुके हैं हम अपने आप मगर हमें संभालने वाला अपना कोई नहीं। हम अपनी जिंदगी को जी कम काट ज्यादा रहें हैं मगर गम बांटने वाला ज़िन्दगी में अपना कोई नहीं। हर रिश्तों से हमने हमेशा धोखा ही खाया मगर हम पर ही ऊंगली उठाया लोगों ने । इस दुनिया में सिर्फ झूठे रिश्तों का बोलबाला है यह समझाया लोगों ने हम यही समझते रह गए कि ज़िन्दगी में हर रिश्ते हर अपने खाश होते हैं वक्त आने पर पता चला हम हर रिश्तों के लिए टाइमपास होते हैं आज लोग सिर्फ लोगों कों दर्द देना जानते हैं दर्द पर मरहम लगाना नहीं। अरे लोग यह क्यों नहीं समझते है हम भी इंसान है हममें भी जान है हमें भी तकलीफ होती है लोग क्यों मतलब के लिए रिश्ते रखते हैं जिस पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं वहीं शख्स ज़िन्दगी का तमाशा बनकर कर चला जाता है ज़िन्दगी का सबसे बड़ा शवक सीखा कर चला जाता है ,माना की पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होती मगर ज़िन्दगी ने जो सबक सिखाया है इससे यही समझ आया इंसान किसी भी प्रकार के भरोसे के लायक नहीं अरे हमने तो दर्द में भी जिन्दगी काट रहे थे अरे हमने तो...