S तुम्हें चाहना...
मेरा तुमको चाहना, यू इस तरह कभी भी इस बात पर निर्भर नहीं किया, कि तुम मुझे चाहते भी हो, या नहीं ।
कोई हक़ नहीं है मेरा तुम पर,ना ही तुमने दिया है कोई हक़ मुझे।
जानती हूं मैं अच्छी तरह से, कि शायद मैं वो नहीं होऊँगी, जो तुम्हारे सपनों में रंग भरे ।
और जिसके साथ तुम दूर तक हाथ में हाथ थामे, चलना चाहो।
हाँ, वो अलग बात है, मैं तो आज भी यही चाहती हूँ ।
मुझ से पहले ही बहुत लोग है तुम्हारी जिंदगी में, जो तुम्हारे लिए महत्वपूर्ण है, तुम्हारा वक्त भी उनका है ।
और तो और तुम्हें चाहने वाले बहुत है, तो मेरी जगह ही कहां उनके आगे।
वो जब-जब तुम्हारे करीब आयेंगे, मै तुमसे दूर सी होती जाऊंगी,
ये जानते हुए भी कि मेरे लिए, सिर्फ़ तुम हो, जो मुझे ही महसूस होता है ।
हां ताउम्र ये मलाल रहेगा, कि तुम देख ही नहीं पाए, मेरी जिंदगी में अपनी जगह क्योकि, अभी तुम अपने आप में, अपने आस-पास में, बहुत उलझे हुए हो ।
जैसे-जैसे सुलझोगे तुम अपनी ज़िंदगी में, अपनी जॉब में, अपने आस-पास से फ़ुरसत पाओगे, तब शायद तुम महसूस कर पाओ मेरे इस अनकहे से, गहरे प्रेम को तुम्हारे लिए जो आज भी है ।
और शायद सुन सकोगे उन सारे शब्दों को जो मेरे अंदर ही घुट रहे है ।
और शायद समझ जाओ मेरी सारी पीड़ा को जिसे मैं अंदर लिए, धीरे-धीरे तुमसे, दूर होती जा रही हूँ।
चाहती तो तुमको आज भी बहुत हूँ, और शायद हमेशा यू ही चाहती रहूँगी।
© BeingJyotsna♥️
#writcoapp #writco #mythoughts
कोई हक़ नहीं है मेरा तुम पर,ना ही तुमने दिया है कोई हक़ मुझे।
जानती हूं मैं अच्छी तरह से, कि शायद मैं वो नहीं होऊँगी, जो तुम्हारे सपनों में रंग भरे ।
और जिसके साथ तुम दूर तक हाथ में हाथ थामे, चलना चाहो।
हाँ, वो अलग बात है, मैं तो आज भी यही चाहती हूँ ।
मुझ से पहले ही बहुत लोग है तुम्हारी जिंदगी में, जो तुम्हारे लिए महत्वपूर्ण है, तुम्हारा वक्त भी उनका है ।
और तो और तुम्हें चाहने वाले बहुत है, तो मेरी जगह ही कहां उनके आगे।
वो जब-जब तुम्हारे करीब आयेंगे, मै तुमसे दूर सी होती जाऊंगी,
ये जानते हुए भी कि मेरे लिए, सिर्फ़ तुम हो, जो मुझे ही महसूस होता है ।
हां ताउम्र ये मलाल रहेगा, कि तुम देख ही नहीं पाए, मेरी जिंदगी में अपनी जगह क्योकि, अभी तुम अपने आप में, अपने आस-पास में, बहुत उलझे हुए हो ।
जैसे-जैसे सुलझोगे तुम अपनी ज़िंदगी में, अपनी जॉब में, अपने आस-पास से फ़ुरसत पाओगे, तब शायद तुम महसूस कर पाओ मेरे इस अनकहे से, गहरे प्रेम को तुम्हारे लिए जो आज भी है ।
और शायद सुन सकोगे उन सारे शब्दों को जो मेरे अंदर ही घुट रहे है ।
और शायद समझ जाओ मेरी सारी पीड़ा को जिसे मैं अंदर लिए, धीरे-धीरे तुमसे, दूर होती जा रही हूँ।
चाहती तो तुमको आज भी बहुत हूँ, और शायद हमेशा यू ही चाहती रहूँगी।
© BeingJyotsna♥️
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